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आरएसएस सभी संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है : राहुल गांधी

नई दिल्ली (एजेंसी)। शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव सुधारों पर चल रही बहस में हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश की सभी संस्थाओं पर नियंत्रण स्थापित करना चाहता है।

गांधी की हत्या और संस्थागत नियंत्रण

सदन में चुनाव सुधार विषय पर अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने हमारे राष्ट्रपिता की छाती में तीन गोलियां मारीं। यह एक असहज सच्चाई है, जिसे आज हमारे कुछ दोस्त दूर धकेल रहे हैं। लेकिन यह परियोजना यहीं खत्म नहीं होती।”

गांधी ने आगे कहा कि देश में हर संस्था चुनाव और ‘वोट’ से निकली है, इसलिए यह स्पष्ट है कि आरएसएस उन सभी संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से उत्पन्न हुई हैं।

शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों पर सवाल

कांग्रेस नेता ने देश के विश्वविद्यालयों में हो रही उप-कुलपतियों (वाइस चांसलरों) की नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता मायने नहीं रखती, बल्कि उसकी एकमात्र योग्यता यह है कि वह संघ से जुड़ा हुआ होना चाहिए।

इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह चुनाव सुधार के विषय पर ही बोलें और किसी संगठन का नाम न लें। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष को सुनने के लिए ही बैठे हैं, लेकिन यदि वह विषय से भटकेंगे तो सबका समय बर्बाद होगा।

चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर आशंका

सत्ता पक्ष के विरोध के बावजूद, राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने दावा किया कि शिक्षण संस्थाओं के अलावा, सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों पर भी एक खास विचारधारा से जुड़े लोगों ने नियंत्रण कर लिया है।

उन्होंने आगे कहा कि देश में चुनाव कराने वाले तीसरे महत्वपूर्ण संस्थान चुनाव आयोग पर भी एक संस्था का नियंत्रण है। उन्होंने इसके सबूत होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकतंत्र को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है।

गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटाए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “एक तरफ पीएम मोदी और अमित शाह बैठे थे और दूसरी तरफ मैं। किसी प्रधानमंत्री ने पहले ऐसा नहीं किया।”

उन्होंने दिसंबर 2023 में बदले गए नियमों का हवाला दिया, जिसके तहत किसी भी चुनाव आयुक्त को दंडित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया था, और सीसीटीवी तथा डेटा से संबंधित नियम भी बदले गए। राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष के साथ चुनाव आयोग के तालमेल का आरोप लगाते हुए कहा कि यह केवल डेटा का नहीं, बल्कि चुनाव और लोकतंत्र का सवाल है।

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