छत्तीसगढ़

सिविक सेंटर में स्वदेशी खादी महोत्सव का शुभारंभ

भिलाई। वेलडेक्स ग्राउंड, सिविक सेंटर में स्वदेशी खादी महोत्सव का शुभारंभ विधायक रिकेश सेन के जनसंपर्क अधिकारी संतोष मिश्रा ने फीता काटकर किया। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता नागेंद्र सिंह ने अध्यक्षता की। शुभारंभ के बाद अतिथियों ने मेले में विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया और कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सुप्रसिद्ध कारीगरी और कशीदाकारी से सजे खादी वस्त्रों को देखा।

इस आयोजन में लखनऊ की चिकनकारी, कश्मीर के पशमीना शॉल, जयपुरी कंबल, और पारंपरिक हस्तशिल्प वस्त्र आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कुल 80,000 से अधिक वस्तुएं उपलब्ध हैं, जिन पर 20% की छूट दी जा रही है।

खादी की बढ़ती लोकप्रियता

मुख्य अतिथि संतोष मिश्रा ने कहा कि आधुनिक युग में खादी ने अपनी एक नई पहचान बनाई है। पहले इसे बुजुर्गों की पसंद माना जाता था, लेकिन अब युवा वर्ग भी खादी के आकर्षक डिज़ाइनों और वेरायटियों की ओर आकर्षित हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के मेले न केवल कारीगरों को उनके उत्पाद बेचने का मंच देते हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करते हैं।

सरकार का सहयोग और प्रोत्साहन

कार्यक्रम में मेला संचालक गिरीशचंद दुबे ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से खादी और हस्तशिल्प को प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे बुनकर और कारीगर सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ते हैं, जिससे उत्पादों की कीमतें बाजार से कम रहती हैं। दुबे ने यह भी बताया कि इस मेले में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है, क्योंकि कारीगर स्वयं स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद बेचते हैं।

आकर्षक पेशकश

मेला अध्यक्ष अनुराग मिश्रा ने बताया कि यहां कश्मीर का 40,000 रुपये तक का पशमीना शॉल और कम कीमत में जयपुरी कंबल भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि ठंड को देखते हुए इस बार विशेषत: ऊनी वस्त्रों पर अधिक जोर दिया गया है।

परिवार संग खरीदारी का सुनहरा अवसर

खादी महोत्सव सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा। स्थानीय नागरिकों के लिए यह मेला एक सुनहरा अवसर है, जहां वे एक ही छत के नीचे पारंपरिक भारतीय परिधानों और हस्तशिल्प उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं।

इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के कारीगरों और स्टॉल मालिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मेला स्थल पर उत्साह और उल्लास का माहौल देखा जा रहा है।

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