छत्तीसगढ़

बालको प्रबंधन के अवैधानिक निर्माण कार्य पर लगे रोक : ज्योत्सना महंत

कोरबा। कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने भारत एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड (बालको) द्वारा सेक्टर-6 मिनीमाता चौक के पास पूर्व से प्रचलित सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध कर निर्माण कार्य किए जाने को लेकर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर बालको के अवैधानिक और जनविरोधी कार्यों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

जनजीवन पर प्रतिकूल असर, रास्ता अवरुद्ध

सांसद महंत ने पत्र में उल्लेख किया है कि बालको प्रबंधन द्वारा बड़े झाड़ जंगल क्षेत्र में बाउंड्रीवाल, ब्लीचिंग प्लांट और ऊंचे भवनों के निर्माण के लिए आवेदन किया गया है, जिससे सेक्टर-6 के पीछे की श्रमिक बाहुल्य बस्तियों – भदरापारा, इंदिरा मार्केट, डुग्गुपारा, उपका मोहल्ला, गणेश नगर सहित नगर निगम के वार्ड क्रमांक 40-41 के हजारों लोगों के आवागमन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

स्कूल जाने वाले बच्चों और व्यवसायियों पर असर

महंत ने चेताया कि स्थानीय निवासी वर्षों से इस मार्ग का उपयोग करते आ रहे हैं। इस रास्ते से प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल तक के बच्चे बालको नगर स्थित स्कूलों तक पहुंचते हैं। रास्ता बंद होने से न केवल बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी, बल्कि क्षेत्र के व्यवसायियों की आजीविका पर भी असर पड़ेगा।

पूर्व में भी हुआ था विरोध, जिलाधीश ने लगाई थी रोक

महंत ने पत्र में यह भी याद दिलाया कि पूर्व में भी बालको द्वारा इसी स्थान पर बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु आवेदन किया गया था, जिसे यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि भूमि नजूल है और बालको की नहीं है। साथ ही जनविरोध और आक्रोश को देखते हुए तत्कालीन जिलाधीश ने कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सार्वजनिक सुखाधिकार से जुड़ी भूमि पर निर्माण अनुचित: महंत

सांसद ने जोर देकर कहा कि यह भूमि जन उपयोग और सार्वजनिक सुखाधिकार से जुड़ी है, और वन क्षेत्र व नजूल भूमि होने के कारण बालको प्रबंधन को किसी भी तरह की निर्माण अनुमति देना जनहित के विरुद्ध होगा।

मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों को भेजा पत्र

महंत ने मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री लखनलाल देवांगन, टंकराम वर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पुलिस अधीक्षक, आयुक्त, वनमंडलाधिकारी, और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को भी पत्र की प्रति भेजी है।

निर्माण पर तत्काल रोक की मांग

पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि स्थानीय लोगों के भारी जनविरोध और जनआक्रोश को देखते हुए बालको के सभी आवेदनों को निरस्त किया जाए तथा बलात् किए जा रहे निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।

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