भारत पर टैरिफ : पुतिन ने अमेरिका पर “दोहरा मापदंड” अपनाने का लगाया आरोप

न्युज डेस्क (एजेंसी)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कच्चे तेल के संबंध में भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की कड़ी निंदा की है। पुतिन ने अमेरिका पर ‘दोहरा मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक तरफ रूस से बड़ी मात्रा में यूरेनियम खरीद रहा है, जबकि दूसरी तरफ भारत को रूस से कच्चा तेल खरीदने से रोकने के लिए उस पर दंडात्मक शुल्क लगा रहा है।
पुतिन ने इस बात का उल्लेख रूस के सोची में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई फोरम में किया, जिसमें भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ शामिल हुए थे।
अमेरिका-रूस यूरेनियम व्यापार
पुतिन ने बताया कि रूस पूरी दुनिया में अमेरिका को यूरेनियम सप्लाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। उन्होंने कहा कि पिछले साल (2024 में) रूस ने अमेरिका को लगभग 800 मिलियन डॉलर मूल्य का यूरेनियम बेचा था और इस साल यह आँकड़ा 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
व्लादिमीर पुतिन ने तर्क दिया, “अमेरिका दुनिया के उन सबसे बड़े देशों में से है जो न्यूक्लियर प्लांट का उपयोग करते हैं, जिसके लिए उन्हें भारी मात्रा में ईंधन की आवश्यकता होती है। हम यूरेनियम के सबसे बड़े सप्लायर न सही, पर अमेरिका के लिए दूसरे सबसे बड़े सप्लायर हैं।” उन्होंने ज़ोर दिया कि अमेरिकी बाज़ार में लगभग 25 प्रतिशत यूरेनियम की आपूर्ति रूस से होती है।
कच्चे तेल पर टैरिफ और पश्चिमी प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामानों पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए दंड के रूप में लगाया गया है। यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध (सेंक्शन) लगाए हैं, लेकिन भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखता है, जिस पर ट्रंप को आपत्ति है।
ट्रंप यूरोपीय देशों से भी यह आग्रह कर चुके हैं कि वे रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएँ। हालाँकि, पुतिन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिका खुद रूस से रसायन, यूरेनियम और उर्वरक जैसे उत्पाद खरीद रहा है।
व्यापार असंतुलन और भारत को लाभ
पुतिन ने यह भी कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारत को जो नुकसान हो रहा है, रूस द्वारा तेल के आयात की भरपाई उसी से की जाएगी। वर्तमान में, भारत रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन पैदा हो गया है।
चूँकि अमेरिका भारत पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है, पुतिन इस व्यापार असंतुलन को कम करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सरकार को इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं और सुझाव दिया है कि रूस भारत से फार्मास्यूटिकल और कृषि उत्पाद खरीद सकता है।