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आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती : पीएम मोदी

नई दिल्ली (एजेंसी)। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में रविवार को 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री और आसियान देशों के नेताओं ने मिलकर आसियान-भारत संबंधों में हुई प्रगति का जायजा लिया और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की पहल पर गहन विचार-विमर्श किया।

यह प्रधानमंत्री मोदी की भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में 12वीं भागीदारी थी।

प्रमुख बिंदु और घोषणाएँ

तिमोर-लेस्ते का स्वागत: पीएम मोदी ने तिमोर-लेस्ते को आसियान का 11वां सदस्य बनने पर बधाई दी। उन्होंने पूर्ण सदस्य के तौर पर इस देश के प्रतिनिधिमंडल का पहले आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में स्वागत किया और उनके मानव विकास में भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

आसियान की केंद्रीयता पर जोर: प्रधानमंत्री ने आसियान की एकता, उसकी केंद्रीय भूमिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान दृष्टिकोण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने आसियान समुदाय विजन 2045 को अपनाने के लिए संगठन की सराहना की।

आर्थिक क्षमता और AITIGA: पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (AITIGA) की त्वरित समीक्षा से दोनों पक्षों के लोगों के फायदे के लिए आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता का उपयोग हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग और मज़बूत होगा।

आतंकवाद पर चिंता: उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और इस खतरे से निपटने के लिए एकजुटता के महत्व को रेखांकित किया।

भविष्य के लिए पहलें

मलेशियाई अध्यक्ष द्वारा प्रस्तावित ‘समावेशीपन और स्थायित्व’ के विषय का समर्थन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कई नई पहलों की घोषणा की:

कार्य योजना को समर्थन: आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2026-2030) को लागू करने के लिए आसियान-भारत कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु विस्तारित समर्थन की घोषणा।

पर्यटन को बढ़ावा: आसियान-भारत पर्यटन वर्ष मनाते हुए पर्यटन सहयोग को मजबूत करने के लिए सतत पर्यटन पर आसियान-भारत संयुक्त नेताओं के वक्तव्य को अपनाया जाएगा।

समुद्री सहयोग: ब्लू इकोनॉमी में साझेदारी को मजबूत करने के लिए वर्ष 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ के रूप में नामित करने का प्रस्ताव।

रक्षा और सुरक्षा अभ्यास: सुरक्षित समुद्री वातावरण के लिए द्वितीय आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की बैठक और द्वितीय आसियान-भारत समुद्री अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया।

आपदा प्रतिक्रिया: भारत ने दोहराया कि वह पड़ोस में संकट के समय प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेगा, और आपदा तैयारी तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) में सहयोग को और मजबूत करेगा।

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