कुम्हारी बाजार चौक का नामकरण माता कर्मा के नाम पर करने की घोषणा 0 माता कर्मा की त्याग, सेवा, भक्ति और समर्पण अनुकरणीय: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
*माता कर्मा की त्याग, सेवा, भक्ति और समर्पण अनुकरणीय: मुख्यमंत्री*
*कुम्हारी बाजार चौक का नामकरण माता कर्मा के नाम पर करने की घोषणा*
रायपुर, 22 अप्रैल 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि माता कर्मा सेवा, त्याग, भक्ति और समर्पण की देवी है। भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन माता कर्मा ने अपना पूरा जीवन सामाजिक और धार्मिक कार्य में समर्पित किया। भक्त माता कर्मा की कृष्ण भक्ति अनुकरणीय रही है, इसलिए आज पूरे राज्य में माता कर्मा की जयंती श्रद्धा एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाई जाती है। वे आज दुर्ग जिले के कुम्हारी में आयोजित मां कर्मा जयंती महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि साहू समाज न केवल अपनी परंपराओं को आगे बढ़ा रहा है, अपितु सामाजिकजनों के लिए उद्देश्यपूर्ण कार्य कर रहा है। साहू समाज कृषि, व्यापार, शिक्षा सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सामाजिक संगठन द्वारा समाज को आगे बढ़ाने के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं, इससे आने वाली पीढ़ी को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रगति के लिए आपसी समन्वय, एकता और विचारों का सकारात्मक होना अतिआवश्यक है और सकारात्मक विचार शिक्षा ही दे सकती है, इसलिए उन्होंने उपस्थित जनों को सामाजिक तरक्की के लिए शिक्षा पर विशेष बल देने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गांवों का सपना रीपा के माध्यम से पूरा होगा और इससे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल पाएगा। हमारे किसान भाई कड़ी मेहनत करते हैं, उनके श्रम का पूरा सम्मान हो। उन्हें उनकी उपज की उचित राशि मिल सके, इसके लिए धान की खरीदी प्रति एकड़ 20 क्विंटल करने का निर्णय शासन ने लिया है। कोदो-कुटकी जैसे लघु वनोपजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और इनके प्रसंस्करण के लिए भी शासन द्वारा विशेष कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कुम्हारी बाजार चौक का नामकरण माता कर्मा चौक के नाम से करने की घोषणा भी की।
इस अवसर पर नगर पालिका कुम्हारी के अध्यक्ष श्री राजेश्वर सोनकर, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र साहू, कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष श्री अश्वनी साहू , पूर्व अध्यक्ष हस्तशिल्प कला बोर्ड श्री दीपक ताराचंद साहू सहित साहू समाज के अनेक पदाधिकारी और बड़ी सामाजिक बंधु उपस्थित थे।