अमेरिका पर चीन की बड़ी कार्रवाई: ताइवानी राष्ट्रपति की यात्रा से बौखलाया चीन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने केवल रीगन लाइब्रेरी पर ही प्रतिबंध नहीं लगाए हैं, बल्कि हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के खिलाफ भी कार्रवाई की है। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब चीन में रीगन लाइब्रेरी और हडसन इंस्टीट्यूट बैन रहेगा। चीन का कहना है कि इन दोनों ने अलगाववादी गतिविधियों को एक मंच प्रदान किया है।
चीन ने और क्या कदम उठाए?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने केवल रीगन लाइब्रेरी पर ही प्रतिबंध नहीं लगाए हैं, बल्कि हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के खिलाफ भी कार्रवाई की है। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब चीन में रीगन लाइब्रेरी और हडसन इंस्टीट्यूट बैन रहेगा। चीन का कहना है कि इन दोनों ने अलगाववादी गतिविधियों को एक मंच प्रदान किया है। संगठनों के साथ-साथ इस इन संस्थानों का नेतृत्व करने वाले चार लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इसमें हडसन इंस्टीट्यूट के निदेशक मंडल की अध्यक्ष सारा मे स्टर्न, हडसन संस्थान के निदेशक जॉन पी वाल्टर्स, रीगन फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी निदेशक जॉन हेबुश, रीगन फाउंडेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जोआन एम. ड्रेक शामिल हैं। चीन ने इसी के साथ कहा कि चीन में इन सब की कोई भी संपत्ति या वित्तीय संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी।
ताइवान की राष्ट्रपति ने यूएस हाउस के स्पीकर से की मुलाकात
कैलिफोर्निया में यूएस हाउस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी से ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘लोकतंत्र खतरे में है।’ सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2022 में तत्कालीन हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद, एक साल से भी कम समय में त्साई दूसरी बार किसी शीर्ष अमेरिकी सांसद से मिलीं। वह अमेरिकी धरती पर यूएस हाउस स्पीकर से मिलने वाली ताइवान की पहली राष्ट्रपति भी हैं।
त्साई ने मैक्कार्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ‘यह किसी से छिपा नहीं है कि आज हमने जो शांति बनाए रखी है और जिस लोकतंत्र को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, वह अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम एक बार फिर खुद को ऐसी दुनिया में देख रहे हैं, जहां लोकतंत्र खतरे में है। स्वतंत्रता की रोशनी को चमकते रहने की जरूरत को कम करके नहीं आंका जा सकता है।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘जब हम एक साथ होते हैं तो हम मजबूत होते हैं, ताइवान के साथ खड़े होने के लिए हम अमेरिका के आभारी है।’
‘अमेरिका और ताइवान की दोस्ती बेहद अहम’
ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद यूएस हाउस स्पीकर ने कहा, ‘ताइवान और अमेरिका के लोगों के बीच दोस्ती स्वतंत्र दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्व विषय है। यह आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा, ‘ताइवान एक सफल लोकतंत्र, संपन्न अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य और विज्ञान में ग्लोबल लीडर है। संवाद और आदान-प्रदान के माध्यम से हमारे सहयोग का विस्तार जारी है। मैं आशावादी हूं कि हम एशिया में आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और ताइवान के लोगों के साथ मिलकर काम करने के तरीके ढूंढते रहेंगे।’
ताइवान के मुद्दे पर शी जिनपिंग और उर्सुला वॉन आमने -सामने
उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को बीजिंग में एक बैठक के दौरान यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से कहा, ताइवान का मुद्दा चीन के हितों का मूल है। चीनी सरकार और चीनी लोग कभी भी एक चीन (वन चाइना पॉलिसी) के मुद्दे पर हंगामा करने वाले किसी भी व्यक्ति से सहमत नहीं होंगे। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शी के हवाले से कहा, जो कोई भी चीन से ताइवान के सवाल पर समझौता करने की उम्मीद करता है, वह केवल इच्छाधारी सोच वाला हो सकता है।
वहीं, बैठक के बाद यूरोपी आयोग की प्रमुख वॉन ने कहा, ताइवान के मुद्दे पर चर्चा की गई। उन्होंने शी से से कहा, यथास्थिति को बदलने के लिए बल प्रयोग करने की धमकी अस्वीकार्य है। यह जरूरी है कि जो तनाव हो सकता है, उसे बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने इस सवाल को भी खारिज करने की कोशिश की कि बीजिंग, ताइवान को कैसे एकीकृत कर सकता है, जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में चीन के एक-दलीय शासन के साथ बहु-दलीय लोकतांत्रिक प्रणाली का पालन करता है।
ताइवान का भविष्य मुख्य भूमि के साथ पुनर्मिलन में निहित: चीन
माओ ने कहा कि ताइवान का सवाल लोकतंत्र के बारे में नहीं है, बल्कि चीन की क्षेत्रीय अखंडता और पुनर्मिलन के बारे में है और ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है। उन्होंने कहा, चीन की संप्रभुता और क्षेत्र कभी विभाजित नहीं हुआ है और न ही कभी विभाजित होगा। उन्होंने कहा, ‘कुछ देश लोकतंत्र के नाम पर ताइवान का समर्थन करते हैं और चीन को रोकने के लिए ताइवान के सवाल का इस्तेमाल करते हैं। यह कदम खतरनाक है। ताइवान का भविष्य संबंधों के विकास और मुख्य भूमि के साथ पुनर्मिलन में निहित है।
ताइवान का पलटवार- जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दे रहा चीन
इस बीच, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि चीनी गणराज्य (ताइवान) के राष्ट्राध्यक्ष राजनयिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए अन्य देशों की यात्रा करते समय एक संप्रभु राष्ट्र के बुनियादी अधिकार का उपयोग करते हैं। चीन को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, चीन जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दे रहा है, वह ताइवान के अंतरराष्ट्रीय स्थान को और दबाने और संबंधित व्यक्तियों और संगठनों पर तथाकथित प्रतिबंध लगाने के बहाने के रूप में इसका इस्तेमाल करता है। इस तरह के तर्कहीन व्यवहार से न केवल ताइवान के लोगों की चीन के प्रति शत्रुता बढ़ती है, बल्कि कम्युनिस्ट शासन की अनियमित और बेतुकी प्रकृति को भी उजागर करती है।
अमेरिकी पत्रकार पर औपचारिक रूप से लगाया जासूसी का आरोप
वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच पर औपचारिक रूप से रूस में जासूसी करने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि बीते मार्च माह के अंत में रूस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए काम करने वाले अमेरिकी पत्रकार को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया था। तब रूस की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी एफएसबी ने कहा था, इवान गेर्शकोविच को येकातेरिनबर्ग के यूराल शहर में कथित तौर पर गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हुए हिरासत में लिया गया। वह सैन्य औद्योगिक परिसर के उद्यमों में एक-एक की गतिविधियों की गोपनीय जानकारी जुटा रहा था।