मुसलमानों पर न हो अत्याचार, हिंदू भाई-बहन करें रक्षा – ममता बनर्जी
रामनवमी पर हुई हिंसा पर प्रश्न उठाते सुश्री बनर्जी ने कहा कि रामनवमी का जुलूस पांच दिनों तक क्यों होंगे? रामनवमी के दिन जुलूस करो। इस पर किसी को आपत्ति नहीं है। बंदूक और बम लेकर जुलूस क्यों निकाले जाएंगे? अनुमति नहीं देने के बावजूद जुलूस निकालेंगे।
कोलकाता, (IMNB)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हनुमान जयंती पर छह अप्रैल को फिर से दंगा होने की आशंका जताई। पूर्व मेदिनीपुर के केसपुर में आयोजित प्रशासनिक सभा से ममता ने कहा कि छह अप्रैल के लिए मैं हिंदू भाइयों-बहनों को दायित्व देती हूं। रमजान चल रहा है। हिंदू अपने मुस्लिम भाई-बहनों की गांव-गांव, जिले-जिले में रक्षा करें, ताकि किसी पर अत्याचार न हो। उनकी अच्छी तरह से रक्षा करें, वे अल्पसंख्यक हैं।
रिषड़ा में जानबूझ कर किया गया झमेला : ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि किसी एससी या आदिवासियों पर हाथ न उठे। मैं युवाओं से कहूंगी, आगे आइए। कन्याश्री, क्या आप इसे रोक नहीं सकते? उन्होंने कहा कि अगर मेरी कन्याश्री मेरे साथ है, तो मैं लड़ूंगी और दंगाइयों को रोकूंगी। ममता ने प्रशासन से अपील की कि छह अप्रैल पर नजर रखें। रविवार रिषड़ा में जानबूझकर झमेला किया गया। उन्होंने कहा कि इतने रास्ते रहने पर भी मुस्लिम इलाके में घुस जाते हैं। यह जानबूझ कर किया जाता है।
छह को फिर दंगा करने का हो रहा है षड्यंत्र : ममता
रामनवमी पर हुई हिंसा पर प्रश्न उठाते सुश्री बनर्जी ने कहा कि रामनवमी का जुलूस पांच दिनों तक क्यों होंगे? रामनवमी के दिन जुलूस करो। इस पर किसी को आपत्ति नहीं है। बंदूक और बम लेकर जुलूस क्यों निकाले जाएंगे? अनुमति नहीं देने के बावजूद जुलूस निकालेंगे। रमजान महीने लोग फल खाते हैं, लेकिन फल बिक्री करने वाली गाड़ियों को आग लगा दी गई। उन लोगों ने बंदूक लेकर डांस किया। बजरंगबली का हम सब सम्मान करते हैं। वे लोग पूरे देश में दंगा लगाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
उन्होंने एक बार फिर भाजपा को दंगाबाज पार्टी करार दिया और कहा कि वह किसी भी कीमत पर भाजपा के आगे सिर नहीं झुकाएंगी। वे बुलडोजर लेकर जुलूस करने जाते हैं। बुलडोजर लेकर क्या कोई जुलूस करता है? क्या साल 2024 में उसका समर्थन करेंगे? उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि भाजपा और सीपीएम का समर्थन नहीं करेंगे तो पूंछ दबा कर भागेंगे। राज्य सरकार ने कानून बनाया है, जिन लोगों ने तोड़फोड़ की है। तोड़ने वालों से नुकसान की भरपाई उनकी संपत्ति बेचकर की जाएगी। दीदी पर भरोसा करें।
भाजपा ने कहा-सीएम कर रही हैं वोट बैंक की राजनीति
ममता के इस बयान को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। विधानसभा में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक मनोज दिग्गा ने कहा कि वह यह साबित करने में जुटी हैं कि हिंदू हमला करते हैं। क्या इससे जो दंगा करने वाले हैं उसका बचाव नहीं हो रहा है? वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं।
हाई कोर्ट ने हाल की हिंसा पर ममता सरकार से मांगी सीसीटीवी फुटेज
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा, हुगली और उत्तर दिनाजपुर में हुई हिंसा पर राज्य से रिपोर्ट मांगी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को निर्देश दिया कि रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज बुधवार तक अदालत को सौंपे जाएं।
आम लोगों को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए पुलिस को विशेष ध्यान देने को कहा गया है। कोर्ट ने इस घटना में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। खंडपीठ ने प्रशासन को इस घटना पर नजर रखने का निर्देश दिया ताकि दोबारा कुछ न हो।
सीएम के वकील ने कोर्ट में उठाया सवाल
हावड़ा में अशांति को लेकर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती और एनआइए द्वारा जांच का अनुरोध किया है। सोमवार को उनके वकील ने कोर्ट में सवाल उठाते हुए कहा कि हावड़ा और डालखोला में पुलिस की अनुमति से जुलूस निकाला गया। इसके बाद भी ऐसी घटना क्यों हुई, हालात पुलिस के हाथ से क्यों निकल गया? केंद्र सरकार और राज्यपाल को घटना पर नजर रखनी पड़ी थी। वहां के हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा
इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राज्य के महाधिवक्ता से उन दोनों जगहों का हाल जानना चहा। उनका सवाल था कि पुलिस इस तरह की घटना हो सकती है पहले ही स्थिति का अनुमान क्यों नहीं लगा सकी? इससे पहले भी ऐसी घटनाओं के उदाहरण सामने थे। इसके बाद भी पुलिस क्यों उससे निपट नहीं सकी? क्या उपाय किए गए? क्या स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई?
एजी ने कहा कि शांतिपूर्ण मार्च की अनुमति दी गई थी। मार्च के कुछ ही पलों में मार्च करने वाले हिंसक हो गए। उस घटना की शिकायत दर्ज कराई गई है। धारा 144 जारी कर दी गई है। इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले की अगली सुनवाई छह अप्रैल को होगी.
एनसीपीसीआर ने पुलिस आयुक्त से मांगा जवाब
इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने हावड़ा पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि हावड़ा के जुलूस में कुछ बच्चों द्वारा पत्थरबाजी की घटना के वीडियो सामने आए हैं। उन्होंने दो दिनों के अंदर इस बारे में हावड़ा पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा है।
बता दें कि हाल में प्रियांक कानूनगो कोलकाता में तिलजला में बच्ची की हत्या और मालदा में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर जांच करने आए थे, लेकिन इस अवसर पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगा था।