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रामनवमी शोभायात्रा पर हावड़ा से गुजरात तक उपद्रव, नहीं थमा बवाल, अगले दिन भी कहीं चले बम तो कहीं पत्थर की बारिश

रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कई राज्यों में हिंसा देखने को मिली. हालांकि, घटना के बाद प्रशासन ने हालात सामान्य होने का दावा किया था, लेकिन अगले दिन फिर से कई जगहों पर बवाल हुआ.

इस दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाला सिस्टम भी आग की धधकती लपटों में स्वाहा हो गया. हैरानी इस बात की है सिर्फ रामनवमी के दिन ही हिंसा नहीं हुई, अगले दिन भी फोर्स तैनात होने के बावजूद भीड़ पत्थर चलाती दिखाई दी. आइए जानते हैं पूरे देश में कहां-कहां हुआ उत्पात?

हावड़ा में भड़काऊ नारों के बीच छतों से बरसे बम-पत्थर
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी पर भगवा झंडों के साथ शोभायात्रा निकली जा रही थी. हावड़ा के शिबपुर में अचानक ही शोभायात्रा में शामिल भीड़ उल्टी तरफ दौड़ती दिखाई दी. वायरल हो रहे वीडियो में एक महिला की आवाज सुनाई देती है कि देखो कांच फेंक रहे हैं. इसके बाद शोभायात्रा में भगदड़ के बीच चीख-पुकार मच जाती है. इसी के साथ अचानक पत्थरबाजी शुरू हो जाती है और कुछ देर बाद ही जुलूस वाले रास्ते पर दंगा होने लगता है.

इमारतों की छतों पर इकट्ठा भीड़ ने पत्थरबाजी की और उपद्रवियों ने दुकानों को आग लगा दी. पुलिस की मौजूदगी में शिबपुर के श्रीएसी बाजार में चारों तरफ आगजनी और तोड़फोड़ की जा रही थी. किसी के सिर से खून बह रहा था तो किसी के शरीर से.

वीडियो बनाने वाली महिलाओं ने एबीपी न्यूज़ ने बातचीत में कहा कि ये पहली बार नहीं है, जब हावड़ा के इस इलाके में हिंसा हुई है. ममता सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए. हिंदू संगठनों का दावा है कि पुलिस के कहने पर तमाम संगठनों ने मिलकर एक साथ जुलूस निकाला था, ताकि शांति बनी रहे, लेकिन पत्थर बरसाए जाने लगे.

वहीं, इलाके में मौजूद दुकानदारों ने दावा किया कि रोजे चल रहे हैं. नमाज का वक्त हो रहा था और जुलूस निकाल रहे लोग उकसाने वाले नारे लगा रहे थे.

वडोदरा में कैसे भड़की हिंसा?
30 मार्च को दोपहर करीब 1.30 बजे वडोदरा में शोभायात्रा निकाली जा रही थी. इस बीच जुलूस फतेपुरा दरगाह के पास पहुंचा तो बाइक सवार दो युवकों की शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस शुरू हो गई. युवकों के बचाव में स्थानीय लोग उतरे और छोटा सा झगड़ा पत्थरबाजी में तब्दील हो गया.

पुलिस ने इसे मामूली झड़प बताया. इसके करीब चार घंटे बाद एक दूसरी शोभायात्रा निकली, जिस पर पत्थरबाजी शुरू हो गई. जब इलाके में तनाव हो गया, तब 1 हजार पुलिसकर्मियों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर आरोपियों को हिरासत में लेना शुरू किया.

क्या संभाजीनगर में पहले से ही थी दंगे की तैयारी?
महाराष्ट्र के संभाजीनगर से 31 मार्च की रात की तस्वीरें सामने आई हैं. यहां हाथों में डंडे लिए चेहरे पर नकाब पहने कुछ लोग एक साथ जाते हुए दिखाई पड़ते हैं. सवाल खड़ा होता है कि आखिर ये नकाब पहने हुए लोग कौन हैं? नकाब पहने इन दंगाइयों कई गाड़ियों पर हमला किया. वहीं, एक अन्य वीडियो में कुछ लोगों ने पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया.

ये सब महाराष्ट्र के संभाजीनगर में 30 मार्च को रामनवमी शोभायात्रा निकाले जाने के अगले दिन हुआ. दरअसल, जुलूस निकालने के दौरान दो गुटों के बीच झड़प से हालात तनावपूर्ण हो गए थे. जिसके बाद दंगाईयों ने बेखौफ होकर पत्थरबाजी, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की. ये घटनाएं सीसीटीवी में कैद हो गईं.

बीती रात की घटना के बाद प्रशासन ने हालात सामान्य होने का दावा किया, लेकिन 31 मार्च को सुबह 11 बजे संभाजीनगर के दूसरे इलाके में पत्थरबाजी की घटना सामने आई. वहीं, अब हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

संभाजीनगर में हुई हिंसा में आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एक्शन शुरू कर दिया गया है.

जमशेदपुर में भी जुलूस पर हुआ पथराव
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार के साथ ही रामनवमी जुलूस पर हिंसा की आग झारखंड में भी भड़क गई. बीती रात शुक्रवार (31 मार्च) को जमशेदपुर के हल्दीपोखर इलाके में रामनवमी शोभायात्रा पर पत्थरबाजी की गई. उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ी तोड़ दी. इस हिंसा में करीब 5 लोग घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है.

दरअसल, जमशेदपुर के जुगसलाई इलाके में रामनवमी जुलूस निकालने का विरोध किया जा रहा था. गुस्साई भीड़ के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद शोभायात्रा में शामिल लोग बाटा चौक में हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे. इस दौरान दोनों ओर से जमकर भड़काऊ नारेबाजी हुई. तभी भीड़ ने सड़क पर टायर जलाने के साथ पुलिस की गाड़ी तोड़ दी. घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

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