वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम “टेक इट ईज़ी” भाता नहीं कांग्रेस का फुसलाना बहकाकर जीतने का गया जमाना
‘चांद दिखाकर बच्चे को बहलाया जा सकता है। पर बच्चे को दिखाकर चांद को नहीं… किसी साउथ की फिल्म में ये बेहद खूबसूरत डायलाॅग सुनने को मिला। हमारे देश में अब तक राजनैतिक दल जनता को बच्चों की तरह बहलाते आ रहे थे। निस्संदेह जनता बेहद भोली थी, राजनैतिक चेतना का अभाव था। लिहाजा हर बार ठगी जाती थी। लेकिन अब जनता बच्ची नहीं रही।
अब जनता को बच्चों की तरह नहीं उसे बहलाया नहीं जा सकता। अब जनता चांद की तरह हो गयी है, जिसे बहलाना लगभग नामुमकिन है। समझदारी के अलावा दो बातें और हैं जिनके कारण जनता द्वारा निर्णय समझदारी से लिया जा रहा है और देश में जीना आसान होता नजर आ रहा है।
दशकों से छला कांग्रेस ने हर बार
भरोसा ले आई भाजपा की सरकार
पहली बात तो ये कि जनता के मन में बरसों से कांग्रेस के द्वारा ठगे जाने की तस्वीर गहरी छप गयी । कांग्र्रेस के वरिष्ठ लीडरों ने चाहे वे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हों या इंदिरा गांधी या फिर गांधी परिवार के कठपुतली बने रहे सरदार मनमोहन सिंग हों द्वारा बार-बार, बार-बार बेवकूफ बनाए जाने से लोग त्रस्त हो गये हैं। बेशर्मी से छला जाना और फिर बेमुरव्वत बेईमानी से कमाई करना तथा आम आदमी को गुलाम समझना कांगे्रस की फितरत रही है। दूसरी बात जो सबसे महत्वपूर्ण है और जिसने देश में नयी जागृति पैदा कर दी है वो है वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा ‘दिखाए गये सपनों का साकार किया जाना’। कई कठिन से लगने वाले काम, विपक्ष द्वारा जिन कामों को असंभव जताया जाता था वे काम, केन्द्र सरकार ने समय पर बड़ी आसानी से पूरे कर दिये। इसे सरकार की इच्छा शक्ति ही कहा जा सकता है। यदि केन्द्र सरकार की जगह मोदीजी कहा जाए तो ज्यादा उचित होगा क्योंकि ये मोदीजी ही हैं जिनकी इच्छा और संकल्प से काम सध रहे हैं। देश का भला हो रहा है। हर आम आदमी का भला हो रहा है।
जैसे ही जनता को मोदीजी जैसा विकल्प मिल गया जनता ने अन्य दलों को नकारना शुरू कर दिया जो लगातार जारी है। प्रारम्भ में जब मोदीजी ने कहा था कि कांग्रेस को इस देश से साफ कर देंगे तो जाहिर तौर पर ये अतिशयोक्ति लग रही थी, लेकिन धीरे-धीरे जो राजनैतिक परिदृश्य दिख रहा है उससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस जल्द ही सियासी आकाश से निकल लेगी। लगातार काले बादल कांग्रेस पर छाए जा रहे हैं। कारण बिल्कुल साफ है तुष्टिकरण के चलते हिंदु अपमानित होता रहा जो आज एक जुट होकर अपनी खैरख्वाह भाजपा के पीछे है। दूसरी ओर भाजपा की बिना पक्षपात के वोटबैंक और विरोधी वर्ग के लिये समान रूप् से काम करने की मंशा जाहिर हो चुकी है। इसलिये कभी कांग्रेस के परंपरागत भक्त रहने वाले भी भाजपा से प्रभावित दिख रहे हैं और सहानुभूति रखने लगे हैं। कांग्रेस इनके दिलों से भी उतर चुकी है।
पाकर बरसों से प्रतीक्षित ईनाम
पिघल गया मुसलमान
हाल ही में साउथ के एक मुस्लिम शिल्पकार मोहम्मद कादरी को राष्ट्रीय पुरूस्कार पद्म श्री से नवाजा गया तो उसने बयान दिया कि मैं पिछले 5 सालों से इस पुरूस्कार के लिये कांग्रेस सरकार को लगातार लिखता रहा पर किसी ने पूछ परख नहीं की और भाजपा के आने के बाद तो मैं एकदम नाउम्मीद ंहो गया लिहाजा मैने आवेदन देना ही बंद कर दिया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप् से जिस भाजपा से उम्मीद न थी उसीकी सरकार ने मुझे पुरस्कृत कर दिया।
हिंदुओं से मिल रही उपेक्षा लगातार
फिर भी कांग्रेस में नहीं दिखता सुधार
दुखद ये है कि आज भी रसातल की ओर अग्रसर कांग्रेस अपना कपट और दुर्भावना नहीं छोड़ पा रही। हिंदुओं का दिल दुखाने में पीेछे नहीं है। तत्काल मे दुर्गा सप्तशती के लिये किये गये नये ऐलान से विरोधियों ने असहमति जताकर फिर जनता को आहत किया है। जिस प्रदेश में सैफई महोत्सव के नाम पर फिल्मी कलाकारों को बुलवाकर करोड़ों रूप्ये के मनोरंजन उत्सव मनाए जाते हों वहां पर एक सात्विक प्रयास पर आपत्ति जताने से जनता क्षुब्ध है। बता दें कि नवरात्र मंे उत्तर प्रदेश के हर जिले में दुर्गा सप्तशती और रामनवमी के दिन रामचरित मानस का अखण्ड पाठ जिला, तहसील और ब्लाॅक स्तर पर करने का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था। इसके लिये हर जिले को एक-एक लाख रूप्ये दिया गया। अब बताईये इस कदम का स्वागत होना चाहिये या विरोध… ?