अटैचमेंट निरस्त करने का बिना सोचे समझे जारी संचालक स्वास्थ्य के आदेश से हड़कम्प
°°° विधानसभा चुनाव में सरकार को नुकसान पहुँचने का षड्यंत्र हो सकता है यह आदेश
•••मुख्यमन्त्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर स्वास्थ्य संचालक के अविवेकपूर्ण पर आदेश तुरन्त रोक लगाने की मांग की
स्वास्थ्य संचालक द्वारा सभी सम्भागीय संयुक्त संचालक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 25 अप्रेल को निर्देश जारी कर तत्काल प्रभाव से सभी संलग्नीकरण व कार्य आदेश को निरस्त करने को कहा है. इस अविवेकपूर्ण 25 अप्रेल को जारी आदेश में 25 अप्रेल को ही अनुशासन का पालन कर मूल पदस्थापना में उपस्थिति देने को कहा गया है. जो किसी भी हालत में सम्भव नहीं है.बिना सोचे समझे जारी किये गए इस कड़े निर्देश से विभाग में हड़कम्प मच गया है. चुनाव के ठीक पहले इस प्रकार के बेतुके आदेश से भूपेश सरकार को आगामी विधान सभा चुनाव में नुकसान पहुँचाने की षडयंत्र की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर जानबुझकर इस तरह आदेश निकालकर कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मन्त्री को ट्वीट कर इस अविवेकपूर्ण निर्देश को संज्ञान में लेकर इस पर तुरन्त रोक लगाने की मांग जारी विज्ञप्ति में स्वास्थ्य चेतना विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव तथा महासचिव डा एस के जुवेल ने की है.
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि विभाग में लगभग सारे अटैचमेंट के पीछे मन्त्री या बड़े पहुँच के लोग शामिल है. ऐसे सभी लोग सरकार से जुड़े हुए हैं. इस आदेश के बाद कर्मचारी सरकार चलाने वाले लोगो के पास दौड़ रहे हैं. उनसे विनती कर रहे हैं. क्योंकि अचानक अटैचमेंट निरस्त करने के आदेश से एक ओर जहाँ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में अव्यवस्था होगी वहीं दूसरी ओर डिटैच कर्मचारी के पारिवारीक, आर्थिक व मानसिक संतुलन में गम्भीर असर पड़ना स्वाभाविक है.
जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जहाँ कहीं अटैचमेंट है, वहाँ अटैचमेंट का औचित्य समझने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य केन्द्र में उनकी सचमुच में जरूरत हो. स्वयं गम्भीर बीमारी में हो,इसी तरह पति- पत्नी का मामला हो, विकलांगता कारण हो तो ऐसे मामलों में सहानुभूति से विचार की जरूरत है. सभी अटैचमेंट की समीक्षा करने की जरूरत बल देते हुए आगामी विधानसभा निर्वाचन की तिथि को ध्यान में मे रखकर सभी अटैचमेंट को यथावत बनाये रखे जाने की मांग की है।