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माता कौशल्या धाम चंदखुरी में दिखा वॉटर, लेजर, लाईट एवं साऊण्ड का रोमांच मुख्यमंत्री  बघेल तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव के समापन पर किया लोकार्पण*

 

*लाईट एवं लेजर शो के माध्यम से श्रद्धालुओं ने जानी माता कौशल्या के जीवन की कहानी*

*तीन चरणों में वाटर ,लेजर, लाइट ,साउंड शो के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है जीवनी*

*म्यूजिकल फाउंटेन के माध्यम से राज्यगीत, छत्तीसगढ़ी लोकशैली और देशभक्ति गीतों की भी प्रस्तुति*

रायपुर, 24 अप्रेल 2023/

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत चंदखुरी के कौशल्या धाम परिसर में माता कौशल्या महोत्सव के पहले 9 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत से तैयार वॉटर, लेजर, लाईट एवं साऊण्ड शो का शुभारंभ किया।

लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री बघेल स्वयं दर्शक दीर्घा में पहुंचे और लेजर साउंड शो का लुत्फ उठाया.

रायपुर के चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या धाम में 22 से 24 अप्रेल तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह के आखिरी दिन लेजर साउंड शो के शुरू होने से श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव देखने को मिला।

माता कौशल्या धाम में शुरू हुए वाटर, लाईट,लेजर एंड साउंड शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान श्री राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। इस शो में माता कौशल्या के जीवन चरित्र का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे तीन चरणों में प्रस्तुत किया जा रहा है।

पहला चरण 10 मिनट का है। इसमें माता कौशल्या धाम चंदखुरी को आधार बनाकर माता कौशल्या के जन्म से लेकर विवाह और पुत्र जन्म तक का फिल्मांकन किया गया है।

दूसरा चरण 15 मिनट का है। इसमें राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत वर्तमान में चिन्हांकित 10 स्थलों के प्राचीन महत्व पर आधारित फिल्म का निर्माण किया गया है।

तीसरे और अंतिम चरण में पर्यटकों को छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, खान-पान, जनजातीय जीवन शैली और विकास से संबंधित जानकारी मूलक फिल्म का निर्माण किया गया है। इस चरण की अवधि लगभग 15 मिनट की है।

इन तीन चरणों के अलावा लगभग 10 मिनट की अवधि का म्यूजिकल फाउण्टेन की भी प्रोग्रामिंग की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ के राज्य गीत के अलावा छत्तीसगढ़ की लोकशैली पर आधारित म्यूजिक, बॉलीवुड / देशभक्ति गानों को शामिल किया गया है।

  • चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का अति महत्वपूर्ण स्थल है । यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है । प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है ।

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