भारत के मिसाइल परीक्षण की तैयारी से पहले हिंद महासागर में अमेरिका और चीन के जासूसी जहाजों की सक्रियता

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत द्वारा बंगाल की खाड़ी में ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी किए जाने के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि देश जल्द ही लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. इस संभावित परीक्षण से ठीक पहले, अमेरिका और चीन, दोनों के निगरानी पोत (Spy Ship) हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean region) में सक्रिय दिखाई दिए हैं.
सूत्रों के अनुसार, भारत की तरफ से मिसाइल परीक्षण की चेतावनी जारी होने के बाद इन दोनों बड़ी शक्तियों ने अपने निगरानी जहाजों को हिंद महासागर की ओर रवाना कर दिया है. हालाँकि, चीन और अमेरिका इन्हें समुद्री अनुसंधान पोत (Marine Research Vessel) बताते हैं, लेकिन वास्तविक रूप से इनका उपयोग अन्य देशों की सैन्य गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखने के लिए किया जाता है.
चीन और अमेरिका के पोतों की उपस्थिति
चीन का जासूसी जहाज ‘युआन वांग 5’ हाल ही में मलेशिया के पोर्ट क्लैंग से चलकर हिंद महासागर पहुँच गया है. यह पोत चीन के मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह रॉकेट, उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता रखता है. इसे 2007 में चीनी नौसेना में शामिल किया गया था और यह अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ संचालित करता है.
दूसरी ओर, अमेरिकी खुफिया और सर्वेक्षण जहाज ‘ओशन टाइटन’ भारत के पश्चिमी तट के नज़दीक गश्त कर रहा है. यह 1989 में निर्मित 68 मीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा एक अनुसंधान पोत है. इसमें उन्नत डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन और सर्वेक्षण उपकरण लगे हुए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका इसका इस्तेमाल समुद्री निगरानी और महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाने के लिए कर रहा है.
संभावित मिसाइल परीक्षण
भारत द्वारा जारी NOTAM के मुताबिक, 3550 किलोमीटर के क्षेत्र को ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ (No-Fly Zone) घोषित किया गया है. इससे यह अटकलें तेज़ हो गई हैं कि भारत 15 से 17 अक्टूबर के बीच अपनी नई लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. यह मिसाइल परीक्षण भारत की रणनीतिक क्षमता को मज़बूत करने और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।