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अमेरिका और चीन के बीच TikTok पर समझौता : क्या है पूरी कहानी?

वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापारिक खींचतान के बीच, लोकप्रिय वीडियो ऐप TikTok को लेकर एक बड़ी सहमति बनने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 17 सितंबर की दी गई समय सीमा समाप्त होने से पहले, एक समझौता हो सकता है जिससे यह ऐप अमेरिका में चलता रहेगा। जानकारी के अनुसार, दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर एक राय बना ली है, और अब केवल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अंतिम मंजूरी का इंतज़ार है।

समझौते की मुख्य बातें

मैड्रिड में हुई व्यापार वार्ता के बाद, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने यह खुलासा किया कि TikTok के मालिकाना हक को लेकर एक प्रारंभिक मसौदा (draft agreement) तैयार हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस समझौते का मुख्य उद्देश्य TikTok का स्वामित्व चीनी कंपनी बाइटडांस से बदलकर अमेरिकी हाथों में देना है। बेसेन्ट ने यह भी कहा कि इस सौदे की व्यावसायिक शर्तों पर उन्होंने बात नहीं की है, क्योंकि यह दो निजी पक्षों के बीच का मामला है, लेकिन इन शर्तों पर सहमति बन चुकी है।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि चीन के अधिकारियों के साथ बैठक अच्छी रही और एक “खास कंपनी” के लिए समझौता हो गया है, जिसे अमेरिकी युवा बचाना चाहते थे। यह बताते हुए उन्होंने TikTok का नाम नहीं लिया, पर उनका इशारा स्पष्ट था। ट्रंप ने इससे पहले भी कई बार TikTok के भविष्य को लेकर समय सीमा बढ़ाई थी।

TikTok की पृष्ठभूमि और विवाद

TikTok, जिसे चीनी कंपनी बाइटडांस (ByteDance) ने विकसित किया है, पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हुआ है। 2012 में चीनी उद्यमी झांग यिमिंग द्वारा स्थापित इस कंपनी ने 2016 में चीन में ‘डोउयिन’ नाम से एक शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म शुरू किया था, जिसके बाद इसका अंतर्राष्ट्रीय संस्करण TikTok लॉन्च किया गया। COVID-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन में यह ऐप और भी ज्यादा लोकप्रिय हुआ।

TikTok की सफलता के साथ ही अमेरिका में इसके डेटा सुरक्षा और स्वामित्व को लेकर चिंताएं भी उठने लगीं। अमेरिकी अधिकारियों को यह डर था कि चीनी सरकार अपने कानूनों के तहत बाइटडांस से यूजर्स का डेटा मांग सकती है। इसके अलावा, ऐप के मालिकाना एल्गोरिदम को लेकर भी सवाल खड़े किए गए, जो यह तय करता है कि यूजर्स को क्या दिखाया जाए। इन्हीं चिंताओं के चलते अमेरिका में इस पर प्रतिबंध लगाने की बात की जा रही थी, जिसे अब इस समझौते से सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

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