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दमा (अस्थमा) के मरीज़ों के लिए सही खान-पान और बचाव के तरीके

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। आज के समय में प्रदूषण और कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के कारण दमा यानी अस्थमा एक आम समस्या बनती जा रही है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक को प्रभावित कर रही है। दमा के मरीज़ों को अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखना पड़ता है, खासकर अपनी डाइट और जीवनशैली का। थोड़ी सी भी लापरवाही उनकी परेशानी बढ़ा सकती है। अगर सही खान-पान अपनाया जाए तो इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

दमा के मरीज़ों के लिए फायदेमंद आहार

विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ: विटामिन-सी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट फेफड़ों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। अपने आहार में खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, और आंवला शामिल करें। ये दमा के दौरे के खतरे को कम कर सकते हैं।

शहद और दालचीनी: दमा के मरीज़ों के लिए शहद और दालचीनी का मिश्रण बहुत फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले दो-तीन चुटकी दालचीनी को शहद में मिलाकर खाने से फेफड़ों को आराम मिल सकता है।

तुलसी: तुलसी के पत्तों में भी भरपूर एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। रोज़ाना चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीने से दमा के मरीज़ों को लाभ होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करती है और मौसमी बीमारियों से बचाती है।

दालें: दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और फेफड़ों को मज़बूती देती हैं। अस्थमा के मरीज़ों को मूंग दाल, सोयाबीन, और काला चना जैसी दालों का सेवन करना चाहिए। रोज़ाना एक कटोरी दाल खाने से सेहत में सुधार हो सकता है।

हरी सब्ज़ियां: हरी सब्ज़ियों का सेवन ज़्यादा करें। ये फेफड़ों में कफ जमने नहीं देतीं और शरीर को ज़रूरी विटामिन भी देती हैं। इससे अस्थमा का दौरा पड़ने की संभावना कम होती है। हरी सब्ज़ियां आंतों और फेफड़ों दोनों के लिए अच्छी होती हैं।

किन चीज़ों से करें परहेज़?

दमा के मरीज़ों को कुछ खास चीज़ों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि वे उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।

गेंहू, अंडा, सोया, पपीता, केला, चावल, और दही का सेवन कम से कम करें।

बहुत ज़्यादा तले हुए (फ्राइड) और ठंडे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज़ करें।

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