झारखंड में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ : 3 उग्रवादी ढेर

झारखंड (एजेंसी)। बुधवार की सुबह, झारखंड के गुमला जिले में पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) नामक प्रतिबंधित माओवादी समूह के तीन सदस्य मारे गए। यह मुठभेड़ बिष्णुपुर थाना क्षेत्र के एक जंगल में सुबह करीब आठ बजे हुई। इस अभियान में झारखंड जगुआर और गुमला पुलिस के जवान शामिल थे।
पुलिस महानिरीक्षक (ऑपरेशन) और झारखंड पुलिस के प्रवक्ता, माइकल राज एस ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से तीन शवों के साथ-साथ तीन हथियार भी बरामद हुए हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि तलाशी अभियान अभी भी जारी है। मारे गए माओवादियों में से एक की पहचान छोटू उरांव के रूप में हुई है, जिस पर ₹5 लाख का इनाम था।
नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता
इस घटना से पहले, सोमवार को भी सुरक्षाबलों को छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर एक बड़ी सफलता मिली थी। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में हुई मुठभेड़ में दो शीर्ष माओवादी नेता मारे गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कामयाबी को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी जीत बताया था।
शाह के अनुसार, सुरक्षाबलों ने कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी को मार गिराया था। ये दोनों प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे। अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमारे सुरक्षा बल नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को व्यवस्थित तरीके से खत्म कर रहे हैं, जिससे ‘लाल आतंक’ की रीढ़ टूट रही है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ सुबह तब शुरू हुई जब महाराष्ट्र से सटे अबूझमाड़ के जंगल में एक तलाशी दल गश्त कर रहा था। पुलिस को इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। मुठभेड़ स्थल से एक AK-47 राइफल, अन्य हथियार, विस्फोटक सामग्री, और माओवादी साहित्य जैसी चीजें बरामद हुई थीं।
इस साल छत्तीसगढ़ में अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 249 नक्सली मारे जा चुके हैं। इससे पहले 11 सितंबर को भी गरियाबंद जिले में हुई एक मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य मॉडम बालकृष्ण सहित दस नक्सली मारे गए थे।