मनोरंजन

छत्तीसगढ़ी सिनेमा : हमारी माटी की पहचान और सांस्कृतिक विरासत का दर्पण

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती के गौरवशाली अवसर पर छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम द्वारा “छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिरकत की। मुख्यमंत्री ने राज्य की लोक संस्कृति और अस्मिता को सहेजने में क्षेत्रीय सिनेमा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

प्रमुख बिंदु: मुख्यमंत्री का संबोधन

छालीवुड की नींव और भविष्य: मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की स्थापना में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के योगदान को याद किया। उन्होंने निगम के दिवंगत प्रथम अध्यक्ष राजेश अवस्थी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके निधन को प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति बताया।

नया नेतृत्व और विजन: वर्तमान अध्यक्ष सुश्री मोना सेन की ऊर्जा और अनुभव की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि उनके नेतृत्व में ‘छालीवुड’ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर नई ऊंचाइयों को छुएगा।

फिल्म सिटी का निर्माण: राज्य में फिल्म उद्योग को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए सरकार चित्रोत्पला फिल्म सिटी का विकास कर रही है, जिसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।

गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा के 1957 से शुरू हुए सफर का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी फिल्में केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं का जीवंत दस्तावेज हैं। उन्होंने फिल्म “भूलन द मेज” को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार को प्रदेश के लिए स्वाभिमान का विषय बताया।

सिने जगत की हस्तियों का सम्मान

इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को संवारने वाले दिग्गज कलाकारों और फिल्मकारों को सम्मानित किया, जिनमें शामिल हैं:

श्री सतीश जैन (निर्माता-निर्देशक, ‘मोर छइंहा भुइंया’)

श्री मोहन सुंदरानी

श्री संतोष जैन

श्री मनोज वर्मा

श्री अनुज शर्मा (पद्मश्री)

श्री प्रेम चंद्राकर

विकास के प्रति प्रतिबद्धता

कार्यक्रम के दौरान फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का सहयोग कलाकारों के लिए संजीवनी का काम करेगा। उन्होंने उद्योग के सतत विकास और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने का संकल्प दोहराया।

इस कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, सुनील सोनी और संस्कृति विभाग के अधिकारियों सहित कला जगत की अनेक नामी हस्तियां मौजूद रहीं।

निष्कर्ष: छत्तीसगढ़ की रजत जयंती का यह वर्ष न केवल प्रदेश के प्रशासनिक विकास का प्रतीक है, बल्कि यह यहाँ की कला और संस्कृति को एक नया वैश्विक मंच प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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