भारत लौटने के बाद पीएम मोदी ने नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने वालों पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं दुनिया के देशों में जाकर के, दुनिया के महापुरुषों से मिल कर के हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं, हिंदुस्तान की युवा पीढ़ी के Talent की चर्चा करता हूं और अवसर मिलने पर भारत के नौजवान कैसा पराक्रम कर के दिखलाते हैं… ये मैं दुनिया में जा कर बतलाता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं दुनिया के देशों में जाकर दुनिया के महापुरुषों से मिलकर हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं, हिंदुस्तान की युवा पीढ़ी के टैलेंट की चर्चा करता हूं और अवसर मिलने पर भारत के नौजवान कैसा पराक्रम करके दिखलाते हैं… ये मैं दुनिया में जाकर बतलाता हूं। उन्होंने कहा, इस यात्रा के दौरान जितना समय मुझे उपलब्ध था, उसका पल-पल मैंने देश की बात करने में, देश की भलाई के लिए निर्णय करने में अपना समय पूरी तरह से उपयोग किया। मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए… दुनिया सुनने को आतुर है।
दुनिया भी मेरे साथ दिखती है…
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जब मैं यह कहता हूं कि हमारे तीर्थ क्षेत्रों पर हमले स्वीकार नहीं हैं तो दुनिया भी मेरे साथ दिखती है। ऑस्ट्रेलिया… आज भारत को अपना मानता है, भारत को सम्मान से देखता है और वो भारत के भविष्य के साथ अपना भविष्य जोड़ कर देखता है। उन्होंने आगे कहा, आप लोगों को जान कर खुशी होगी कि भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पीएम का आना हम सभी के लिए गौरव की तो बात है ही, लेकिन इतना ही नहीं, उस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री भी थे… विपक्ष के सांसद थे, सत्ता पक्ष के सांसद थे… सब के सब मिलजुल कर भारतीय समुदाय के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ये यश मोदी का नहीं है, हिंदुस्तान के पुरुषार्थ का है… 140 करोड़ हिन्दुस्तानियों के जज्बे का है।
हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं…
पीएम ने कहा, देश के कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि मैंने दुनिया को कोविड वैक्सीन क्यों दी। मैं कहना चाहता हूं कि यह महात्मा बुद्ध और गांधी की धरती है। हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं… आज दुनिया जानना चाहती है कि भारत क्या सोच रहा है।