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केंद्रीय अर्धसैनिक बल कोबरा कमांडो ने जंगल वारफेयर में 9 माह बाद अपने साथी की मौत का बदला लिया

रांची (एजेंसी)। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ की विशेष इकाई ‘कोबरा’, जिसके कमांडो ‘जंगल वारफेयर’ में एक्सपर्ट होते हैं, ने 9 माह बाद अपने साथी की मौत का बदला लिया है। सोमवार को झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के लिपुंगा जंगल में कोबरा और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए हैं। इन नक्सलियों पर 25 लाख रुपये का इनाम था।

इन नक्सलियों ने 9 माह पहले सीआरपीएफ कोबरा के एक जवान को ‘एम्बुश’ में धोखे से मार डाला था। कोबरा कमांडो, लंबे समय से इन नक्सलियों की तलाश में थे। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो हार्डकोर नक्सलियों को भी गिरफ्तार किया है।

पश्चिम सिंहभूम जिले के गूआ थाना क्षेत्र के घने जंगल में कोबरा और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ हुई है। मारे गए नक्सलियों में सब जोनल कमेटी मेंबर कांडे होनहागा उर्फ दिरशुम, एरिया कमेटी मेंबर सिंगराई उर्फ मनोज, एलजीएसएम सूर्या उर्फ मुंडा देवगम और महिला नक्सली जोंगा तुर्की शामिल हैं। नक्सलियों के कब्जे से दो एसएलआर, एक इंसास और दो 303 राइफल बरामद की गई हैं। गिरफ्तार किए गए दो नक्सलियों में टाइगर उर्फ पांडू हांसदा और बातरी देवगम शामिल है।  

सूत्रों के मुताबिक, कोबरा ने अपने शहीद साथी का बदला ले लिया है। कोबरा कमांडो के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी साथी के लिए जान की बाजी लगा देते हैं। इस मुठभेड़ में कोबरा का वह ‘जज्बा और साहस’ देखने को मिला है। 209 कोबरा बटालियन ने जिन नक्सलियों को मार गिराया है, वे सभी वही नक्सली थे, जिन्होंने लगभग 9 महीने पहले कोबरा कमांडो राजेश को एक एंबुश में धोखे से मारा था।

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