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एआई 5 साल में इतने प्रतिशत लोगों की नौकरियां निगल जाएगा, स्टूडेंट को दी ये सलाह

नई दिल्ली (एजेंसी)। AI को लेकर दुनियाभर में चर्चा है और बहुत से लोगों को आशंका है कि आने वाले दिनों में ये कई सेक्टर में एंटर करेगा. साथ ही यह कई लोगों की नौकरियां तक खत्म कर सकता है. इसको लेकर भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन विनोद खोसला ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि आने वाले 5 साल में AI की वजह से 80 परसेंट तक की नौकरियां खत्म हो सकती हैं.

अरबपति वेंचर कैपाटलिस्ट विनोद खोसला ने एक पॉडकास्ट के दौरान AI और उसके भविष्य को लेकर अपने विचार शेयर किए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि स्टूडेंट को अपने करियर को लेकर एक बार दोबारा से सोचने की जरूरत है. यह बातचीत उन्होंने Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ से साथ ही. निखिल कामथ के डब्ल्यूटीएफ पॉडकास्ट के दौरान अपनी राय रखी.

5 साल के दौरान AI करीब 80 परसेंट नौकरियां कब्जा लेगा

निखिल कामथ ने बताया है कि आने वाले 5 साल के दौरान AI करीब मौजूदा समय की 80 परसेंट नौकरियों को टेकओवर कर लेगा. उन्होंने आगे बताया कि यह खतरनाक लग सकता है लेकिन आने वाले दिनों में ये टेक्नोलॉजी ऐसी नौकरियां भी जनरेट करेगी जिनकी अभी कल्पना कर पाना बहुत ही मुश्किल है.

पहले भी दे चुके हैं AI को लेकर चेतावनी

यहां आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि एक महीने पहले खोसला ने एक अन्य वीडियो में भी इसी तरह की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि आने वाले 5 साल में कोई भी ऐसी वैल्यूबल जॉब जो इंसान करते हैं, वो आने वाले दिनों में 80 परसेंट तक AI कर सकेंगे.

साल 2040 तक काम करने की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी

उन्होंने ये भी बताया है कि साल 2040 तक काम करने की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी. लोग इसलिए काम करेंगे कि क्योंकि वे इस काम को करना चाहते हैं, वे सैलेरी के लिए काम नहीं करेंगे.

खोसला का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब दुनियाभर दिग्गज टेक कंपनियां अपने यहां से लोगों को बाहर निकाल रहे हैं. कंपनियां इस कटौती को वर्कफोर्स रिस्ट्रक्चरिंग कह रही हैं. हालांकि ये बात सभी जानते हैं कि इन छंटनी के पीछे AI का हाथ है.

AI कैसे निगल लेगा लोगों की नौकरियां?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के समय में कई सेक्टर में तेजी से फॉलो किया जा रहा है. आने वाले दिनों में कई लोगों की नौकरियों पर असर पड़ सकता है. दरअसल, AI की मदद से बहुत से काम ऑटोमेशन पर चले जाएंगे, जिसके बाद वे चंद काम खुद कर सकेंगे. इसमें डेटा एंट्री, कस्टमर सर्विस (ChatBots), बेसिक रिपोर्टिंग और ट्रांसलेशन आदि का काम शामिल है.

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