कांग्रेस शासन में हिंसा और अपराध का गढ़ बन रहा छत्तीसगढ़ : भावना बोहरा
विगत साढ़े 4 वर्षों में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से लगातार छत्तीसगढ़ में हिंसा एवं अपराध अपने चरम पर पहुँच चुका है। हमारे शांतिप्रिय प्रदेश में असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार यहां अशांति फैलाने का कार्य किया जा रहा है। रोजाना प्रदेश में महिलाओं से हिंसा, अपराध, अनाचार और हत्या जैसे मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहें हैं। महिलाओं से हिंसा की खबरे रोजाना ख़बरों की सुर्ख़ियों में देखने व सुनने को मिल रही है और राज्य सरकार व प्रशासन की उदासीनता इन्हें और बढ़ावा दे रही है जो की चिंतनीय है। उक्त बातें भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और जिला पंचायत कबीरधाम की सभापति भावना बोहरा ने कही।
बेमेतरा के बीरनपुर गाँव में जिहादियों द्वारा 22 वर्षीय भुनेश्वर साहू की निर्मम हत्या से छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। जिहादियों द्वारा खुलेआम भुनेश्वर साहू के परिजनों एवं एक जाती विशेष को धमकी दी जा रही है जो साफ़ प्रदर्शित करता है कि उन्हें ना पुलिस का डर है और ना ही प्रशासन का। बिरनपुर में जिस प्रकार से कुछ असामजिक तत्वों द्वारा सामाजिक हिंसा फैलाया और हिन्दुओं को निशाना बनाते हुए उनके ऊपर हमला किया है वह निंदनीय है। पुलिस प्रशासन की नाकामी और राज्य सरकार की लापरवाही के कारण एक बेकसूर युवा को अपनी जान गंवानी पड़ गई। आखिर कब तक प्रदेश में इस तरह हिन्दुओं पर हमले होंगे, धार्मिक आस्था को ठेंस पहुँचाने का कृत्य होता रहेगा। बीरनपुर गाँव की इस घटना से साफ़ हो गया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के राज में प्रदेश में अराजकता का माहौल है और बहु संख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
भावना बोहरा ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में सामाजिक हिंसा, महिलाओं पर अत्याचार, आदिवासियों के धर्मान्तरण एवं साम्प्रदायिक हिंसा जैसी घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रहीं हैं लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस पर रोक लगाने की बजाय हिंसा फ़ैलाने और अपराध करने वालों का संरक्षण कर रही है। नारायणपुर में मिशनरियों द्वारा लगातार धर्मान्तरण कर आदिवासियों की मूल संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, सुकमा में रामनवमी के अवसर पर पुलिस द्वारा भक्तों को झंडा लगाने पर रोकना और उनके ऊपर लाठी बरसाना, कवर्धा में भगवा ध्वज का अपमान और अब बेमेतरा जिले के बीरनपुर में हुई दर्दनाक घटना ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की भूमि को रक्तरंजित कर दिया है। ऐसे कई मामले है जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार के इशारे पर पुलिस व प्रशासन द्वारा बहु संख्यक समाज के खिलाफ एक तरफ़ा कार्रवाई करते हुए हिंसा एवं दंगा फ़ैलाने वालों का संरक्षण करने का कार्य किया गया।
हत्या, लूट, महिलाओं से बलात्कार जैसी घटनाएँ आम हो गई है और रोजाना हर अख़बार की सुर्ख़ियों में प्रमुखता से दिखाई दे रही है लेकिन अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार इन पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। भाजपा शासन के 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो उपलब्धियां अर्जित की थी, विकास के जो सोपान स्थापित हुए, देशभर में सामाजिक एकता एवं सौहार्द का जो सन्देश हमारे प्रदेश ने दिया आज कांग्रेस शासन के केवल साढ़े 4 वर्षों में हमारी छत्तीसगढ़ महतारी की भूमि अपराध का गढ़ एवं अपराधियों, मिशनरियों का संरक्षण स्थल बनता जा रहा है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ के हर कोने से धर्मान्तरण और साम्प्रदायिक हिंसा लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ उत्पीड़न, हिंसा, अपराध व अनाचार बढ़ते जा रहें हैं। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने में राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। अपराधियों के ऊपर सख्त कार्रवाई करने की बजाय राज्य सरकार और प्रशासन उन्हें संरक्षण देने का कार्य कर रही हैं।