स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय को धता बताकर जबरिया डटे हुए हैं खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में एक डॉक्टर
००विभाग में बने रहने स्वास्थ्य मंत्री को छोड़ मुख्यमंत्री मंत्री तक जुगाड़ लगा रहे हैं
००लेन देन के चक्कर में छूट नहीं रहा विभाग
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन, इन्द्रावती भवन रायपुर में आज से लगभग 3-4 वर्ष पहले बिलासपुर जिले के बिल्हा स्वास्थ्य केन्द्र में सेवारत एक चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है।जिसे शासन द्वारा दिनांक 20-4-22 को जिला परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया,परन्तु पदोन्नति के बाद भी पहुंच और प्रभाव के चलते नियंत्रक ,खाद्य एवं औषधि प्रशासन में उपायुक्त के पद पर पदस्थ करा लिया।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन में एकमात्र प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी होने के कारण अघोषित रूप से विभाग का सम्पूर्ण नियंत्रण उन्ही के हाथ में है, क्योंकि विभाग में नियंत्रक के विभाग प्रमुख के पद पर पदस्थ आईं ए एस अधिकारी के पास मंत्रालय में भी सामान्य प्रशासन विभाग में विशेष सचिव के प्रमुख दायित्व में होने के कारण इंद्रावती भवन में समय दे पाने में वह असमर्थ हैं और उनका अधिकतर समय मंत्रालय में ही बीत जाता है।इसलिए हिसाब किताब बराबर करते रहने की हिदायत के साथ विभाग को डॉक्टर के हवाले छोड़कर नियंत्रक आईएएस अधिकारी निश्चिंत होकर मंत्रालय में मस्त है।
इसी बीच शासन द्वारा अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे चिकित्सकों को मूल विभाग तथा चिकित्सालय में सेवा लेने के स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय – निर्देश पर अचानक दिनांक 2-3-23 को एक आदेश जारी कर उनकी सेवायें नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन से वापस लेते हुए डॉक्टर को जिला परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर बिलासपुर में पदस्थ करने का फरमान जारी होने से विभाग में हंगामा मच गया है।किसी तरह जोड़ तोड़ कर बजट का अंतिम माह के बहाने बाजी कर बड़े अधिकारियों को खुश कर कार्यमुक्त करने से बचाने में सफल हो गये। मार्च का महीना सभी विभागों में महत्वपूर्ण होता हैं। साल भर का हिसाब किताब का मामला रहता है, बिलासपुर पदस्थापना के बाद कार्य मुक्त में हो रही देरी से सम्बन्धित लोगों के बीच यह सन्देश पहुँचाने में सफल हो गया है कि मैं कहीं नहीं जा रहा इसलिए पार्टियां और विभाग के छोटे अधिकारी अपना अपना सालाना हिसाब कर दे ताकि उच्च स्तर और उच्चाधिकारियों तक हिसाब क़िताब करके अपना हिसाब फिट कर सके और एक अन्य आदेश के जरिए पुनः उपायुक्त बनकर फिर से अपना पूर्ववत एकक्षत्र राज कायम रहे। इसलिए जोड़ तोड़ कर बिलासपुर के लिए कार्यमुक्त होने से अपने आपको बचाये रखने में दिन रात एक कर रहे है। स्वास्थ्य मंत्री को छोड़ मुख्यमंत्री तक इस काम को कराने की जुगाड़ लगा रहे हैं। अब तक कामयाब है और आगे भी उम्मीद का दामन थाम्हे हुए दौड़ धूप कर रहे हैं। विभाग में विभाग प्रमुख के कृपा पात्र डाक्टर स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय को धता बता कर जबरिया डटे हुए हैं.