भगोड़े को भगोड़ा मत कहो! (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
अब तो विरोधियों को भी मानना पड़ेगा कि मोदी जी ने वाकई पूरी दुनिया में इंडिया का डंका बजवा दिया है। सिर्फ पीएम मोदी ही नहीं, मोदी सरनेम वाले दूसरे कई लोग भी, इंडिया का डंका बजवा रहे हैं। डंका मोदी जी के नेतृत्व में, मोदी लोगों के वैश्विक सहकारी प्रयास से बज रहा है। सूरत से दिल्ली तक जो डंका बजा, उसके बाद अब आइपीएल वाले ललित मोदी जी अंगरेजों के घर में घुसकर डंका बजवा रहे हैं। सात समंदर पार से ही, देशभक्तों का हाथ बंटा रहे हैं और लंदन में इंडिया का डंका बजवा रहे हैं। भगोड़े को भगोड़ा कहने पर, लंदन में मुकद्दमा करने की धमकी; मोदियों से दुनिया भर में और कितना डंका बजवाओगे, न्यू इंडिया वालों!
लेकिन, इसका मतलब यह हर्गिज नहीं है कि दुनिया में डंका बजवाने के लिए, जब हम थैंक्यू मोदी जी करेंगे, तो ललित जी, नीरव जी आदि, आदि मोदी लोग का भी, थैंक्यू करना पड़ेगा। थैंक्यू में तस्वीर तो एक ही लगेगी; यू नो, वन नेशन, वन पिक्चर ओन्ली! वैसे भी, ललित मोदी जी ने जो धमकी दी है, वह सब तो पीएम मोदी जी की प्रेरणा से, उनके आशीर्वाद से ही हो रहा है। जब कुनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीते तक बिना मोदी जी के आशीर्वाद के अपने शावकों को जन्म नहीं देते हैं, तो विदेशी धरती पर मोदी-विरोधियों पर मोदियों के मुकद्दमे, उनके आशीर्वाद के बिना कैसे दायर हो सकते हैं? वैसे भी, मोदी सरनेम वालों के लिए मुकद्दमे दायर करने की प्रेरणा तो जाहिर है कि मोदी जी के गुजरात में सूरत की अदालत से ही निकली है। अब करने को तो अदालत से लेकर स्पीकर के दफ्तर तक, सब अपना-अपना तयशुदा काम कर ही रहे हैं, पर डंका बजवाने के लिए तस्वीर तो सिर्फ पीएम मोदी की लगेगी, दूसरे मोदियों की भी नहीं।
अब प्लीज यह मत पूछिएगा कि इतने साल तक, हरेक ऐरे-गैरे के मुंह से भगोड़ा-भगोड़ा सुनते रहने के बाद, ललित मोदी जी को अब अचानक राहुल गांधी पर मुकद्दमा दर्ज कराने की क्यों सूझी? देश में हो तो और परदेश में हो तो, मुकद्दमा वही, जो साहब की कृपा दिलाए। भागने वालों की घर वापसी भी तो जरूरी है।
*(व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।)*