वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल…ये मुख्यमंत्री का एक और छक्का है भाजपा को भारी अखरेगा ये पक्का है
झण्डू बण्डू वार्ता आलाप….
झण्डू मियां और बण्डू पण्डित की दोस्ती जग जाहिर है। उनकी प्यार भरी नोंकझोक और उनका देश प्रेम, उनकी मानवता, सारे मोहल्ले को पता थी। दोनों हर दिन मिलते, साथ-साथ घूमते, लड़ते, सरकारों को, बदमाशों को कोसते और फिर घर चले जाते। यही उनका रोज़ का काम था।
बस इसी तरह शाम को घूमते ही झण्डू ने धमाका किया कि ‘देखा बघेल ने कैसा छक्का लगाया। भाजपा के चुनाव चिन्ह को बदल डाला। उसकी जगह ऐसा नाम रख दिया कि अब भाजपा को न उगलते बन रहा है न निगलते’।
‘क्या हुआ’ बण्डू ने पूछा ‘हुआ क्या’। जवाब मिला ‘बड़ी ही चालाकी से भाजपा सरकार ने अपने चुनाव चिन्ह को लोगों की जबान पर चढ़ा दिया था एक नये आधुनिक शहर को बसाकर और उसका नाम कमल विहार रखकर। लोग दिन भर कमल विहार का नाम लेने लगे थे। ऐसे में कुढ़ती कांग्रेस को जम तो नहीं रहा था पर मजबूरी थी। कर भी क्या सकती थी’?
‘तो’
‘तो क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो आजकल सियासत की पिच पर जमें हुए हैं विरोधी पार्टी के गेंदबाजों को साथ ही अपनी पार्टी के गेंदबाजों को लगातार खेल और झेल रहे हैं। उन्होंने एक और छक्का लगा दिया है। कमल विहार का नाम बदल कर भगवान राम की माता कौशल्या के नाम पर रख दिया कौशल्या विहार। यानि अब कमल विहार कहलाएगा कौशल्या विहार। अब अगर भाजपा भगवान राम की माता के नाम पर नाखुशी जाहिर करे तो जनता में किरकिरी होगी, स्वाभाविक है’।
‘नहीं। नाम बदलने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है’। बण्डू बोले।
दोस्त बण्डू की बेचैनी देखकर झण्डू ने मजे लिये कि ‘निश्चित पड़ेगा। सियासी पिच पर बघेल का ये एक और छक्का है, भाजपा को अखेरगा बुरी तरह, ये पक्का है…. ’
अंततः भ्रमण पूरा हुआ और दोनों दोस्त हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए अपने-अपने घरों में घुस गये। झण्डू-बण्डू वार्ता… आलाप पुरा हुआ।
उव 9522170700