छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी, उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ

कोरबा। छत्तीसगढ़ की जनता को जल्द ही बिजली के बढ़े हुए बिलों का सामना करना पड़ सकता है। बिजली कंपनी ने अपना घाटा कम करने के लिए प्रति यूनिट 20 पैसे बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग (CSPDCL) जल्द ही नई दरें लागू कर सकता है। पिछले वर्ष जून 2024 में भी दरों में वृद्धि की गई थी, और अब अप्रैल या मई 2025 से नई दरों के साथ बिजली बिल जारी करने की तैयारी हो रही है। इससे विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि, विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल कोई अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है। नई दरें विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई के बाद लागू की जाएंगी।

बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी

सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विद्युत विभाग कई स्लैब के आधार पर बिजली बिल की गणना करता है। पहला स्लैब शून्य से 100 यूनिट तक है, जबकि अंतिम स्लैब 601 यूनिट से अधिक का है। प्रत्येक स्लैब के लिए अलग-अलग प्रति यूनिट दरें निर्धारित हैं। इस बार सभी स्लैब में दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है।

बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव कैसे लागू होता है?

विद्युत वितरण विभाग हर साल टैरिफ संशोधन प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजता है। नियामक आयोग द्वारा औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने और जनसुनवाई आयोजित करने के बाद ही नई दरों को लागू किया जाता है। पिछले वर्ष जून 2024 में दरें बढ़ाई गई थीं, और अब लगातार दूसरे वर्ष दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित है। जिले के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर पीएल सिदार ने बताया कि अभी तक बिजली बिल दरों में बढ़ोतरी का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है।

वर्तमान बिजली दरें (रुपये प्रति यूनिट)

0-100 3.90 रुपए
101-200 4.10 रुपए
201-400 5.50 रुपए
401-600 6.50 रुपए
601 से ज्यादा 8.10 रुपए

कोरबा जिले में 372 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया

कोरबा जिले में बिजली उपभोक्ताओं पर 372 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसकी वसूली के लिए विद्युत वितरण विभाग पूरी कोशिश कर रहा है। बकायादारों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और वसूली के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। लेकिन इसके बावजूद बकाया राशि में कमी नहीं आ रही है। विद्युत विभाग का घाटा बढ़ने के कारण दरों में बढ़ोतरी की जा रही है ताकि राजस्व की भरपाई हो सके।

क्या होगी उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया?

बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। इससे पहले भी बिजली दरों में वृद्धि के कारण जनता में असंतोष देखा गया था। अब देखना होगा कि नियामक आयोग जनसुनवाई के दौरान इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेता है।

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