छत्तीसगढ़

चंदा वसूली के लिए ‘भूपेश टैक्स’ थोपने से सीमेंट की कीमतें बढ़ी : केदारनाथ गुप्ता

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने सीमेंट की बढ़ती कीमतों के लिए  प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में ऐन चुनाव से पहले सीमेंट की कीमतों में अनाप-शनाप बढ़ोतरी की ओर से प्रदेश सरकार आँखें मूंदे बैठी है क्योंकि चुनावी साल में प्रदेश सरकार द्वारा चंदा वसूली के लिए ‘भूपेश टैक्स’ थोपे जाने से सीमेंट की कीमतों में अनाप-शनाप बढ़ोतरी हो रही है। देश की कुल जरूरत का 20 फीसदी सीमेंट उत्पादन करने वाले छत्तीसगढ़ में ही दीगर राज्यों की तुलना में काफी महंगा सीमेंट बिक रहा है। प्रदेश सरकार के इस ‘भूपेश टैक्स’ के चलते प्रदेश की जनता महंगाई में पिसने के लिए मजबूर है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में सीमेंट की कीमतें 185 रुपए प्रति बोरी थी। अब हर 6 नहीने में भूपेश टैक्स के नाम से कभी 5 प्रतिशत, तो कभी 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। अब तो चुनावी चंदे के लिए 50 रुपए प्रति बोरी भूपेश टैक्स लग रहा है। हमारा चूने का पत्थर, हमारी बिजली होने के बाद भी छत्तीसगढ़वासियों को प्रदेश की सीमेंट कंपनियों से वसूली के कारण 200 रुपए महंगी सीमेंट लेनी पड़ रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल से सवाल किया है कि प्रदेश की जनता कैसे इतनी महंगाई में अपने घर का सपना साकार कर पाएगी? भाजपा लगातार सीमेंट की बढ़ती कीमतों को लेकर अपनी चिंता से प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट करती रही है, लेकिन चुनावी साल में चंदा बटोरने की लोलुपता में प्रदेश सरकार को प्रदेशवासियों पर पड़ रही महंगाई की मार से कोई सरोकार ही नहीं रह गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी रेत माफियाओं का खुलेआम चल रही तस्करी और गोरखधंधे के चलते त्रस्त हो रहे हैं और अब भूपेश टैक्स के नाम पर महंगी कीमतों पर सीमेंट खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पखवाड़ेभर में सीमेंट की कीमतों में लगभग 60 से 70 रुपए प्रति बोरी इजाफा हुआ है जबकि रेत 4 से 6 हजार रुपए महंगी बिक रही है। केवल रेत और सीमेंट ही नहीं, बल्कि छड़ और ईंट के रेट भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं। अभी जबकि बारिश के चलते निर्माण कार्य प्रायः बंद रहते हैं, तब कीमतों का आसमान छूना प्रदेश सरकार राजनीतिक नीयत में खोट को साफ-साफ प्रदर्शित कर रहा है। यह जाँच का विषय है कि कतिपय सिंडीकेट प्रति बोरी संरक्षण राशि देने का दबाव सीमेंट कंपनियों और बड़े परिवहनकर्ताओं पर बना रहे हैं और  इसके चलते अब तक 200 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की जा चुकी है।

स्पष्ट है कि सीमेंट का सर्वाधिक उत्पादक प्रदेश होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण में सिंडीकेट बनाकर सीमेंट की कीमतों में भारी वृद्धि की गई है और यह सिलसिला अब भी जारी है। भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी की आड़ में छत्तीसगढ़ को लूटने-खसोटने में लगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब सीमेंट की आड़ में प्रदेश की जनता को लूटने में लगी है। इसका करारा जवाब कांग्रेस को प्रदेश की जनता देने तैयार बैठी है।

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