आरोपी बनाए जाने पर बोले भूपेश बघेल- सट्टेबाजों पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रही सरकार?

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महादेव बेटिंग एप घोटाले में CBI ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की है। बुधवार को महादेव ऐप मामले में FIR पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि, 74 से अधिक FIR, 200 से अधिक गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद ईडी आई, उसने अपना काम किया। सरकार बदलने के बाद ED ने EOW को केस सौंपा और EOW ने CBI को केस सौंप दिया। अब CBI ने मुझे आरोपी बनाया है। यह FIR 18 दिसंबर 2024 की है, भारत सरकार के पास कोई कानून नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि, 1867 गैम्बलिंग एक्ट यानी अंग्रेजों के जमाने का कानून है. ऐसे में केंद्र सरकार ऑनलाइन गेम को लीगल मानती है या इनलीगल। लीगल मानती है तो प्रोटेक्शन मनी का सवाल नहीं उठता, अगर इनलीगल है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? चुनाव के ठीक पहले शुभम सोनी का वीडियो वायरल हुआ था। पहले होटल में असीम दास की गिरफ्तारी होती है और वीडियो भाजपा दफ्तर से जारी होता है। शुभम सोनी दुबई में काउंसलिंग के ऑफिस में जाकर बयान दिया। आखिर उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? कांसूलेट कहता है शुभम के बयान की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।
पैनल संचालक और प्रमोटरों के 388 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच
महादेव सट्टा एप मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। महादेव सट्टा एप की अलग-अलग वेबसाइट के प्रमोटर, पैनल संचालक और प्रमोटरों के सहयोगी हरिशंकर टिबरेवाल की 388 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही महादेव सट्टा एप संचालन करने के आरोप में जेल में बंद नितिन टिबरेवाल के करीबी शेयर कारोबारी गौरव केडिया को ईडी की टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार गौरव केडिया को ईडी ने ईडी की की विशेष अदालत में पेश कर पूछताछ करने पांच दिनों की रिमांड पर लिया है। महादेव सट्टा एप मामले में केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की है। अटैच की गई संपत्ति में हरिशंकर टिबरेवाल की मॉरीशस की कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्चुनिटीज फंड की चल संपत्ति भी शामिल है। इसे एफपीआई और एफडीआई के माध्यम से टिबरेवाल ने रकम निवेश किया था। ईडी ने टिबरेवाल से संबंधित छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में स्थित अचल संपत्तियों को भी अटैच किया है। एजेंसी के मुताबिक यह सभी संपत्तियां कई सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइट के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटरों और सहयोगियों की हैं।
बेनामी बैंक खातों का जटिल नेटवर्क
ईडी की जांच यह बात सामने आई है कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक सिंडिकेट के तौर पर काम करता है। इसमें व्यक्ति अपना पंजीकरण करता है। इसके बाद उसका यूजर आईडी बनता है। एप के पास बेनामी बैंक खातों का एक जटिल नेटवर्क है। इसके माध्यम से वह मनी लांड्रिंग को अंजाम देता है। जांच में यह भी पता चला है कि यह एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सट्टेबाजी को बढ़ावा देता है।
अब तक 11 गिरफ्तार
महादेव सट्टा मामले में ईडी ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में चार अभियोजन शिकायतें भी दाखिल की हैं। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने 142 करोड़ 86 लाख रुपए की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था।