छत्तीसगढ़

सरकार आदिवासी समुदाय के व्यापक विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में जगदलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार आदिवासी समुदाय के व्यापक विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित है। इस अवसर पर उन्होंने धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह और उनके नवनिर्मित सामुदायिक भवन “ओलेख” के उद्घाटन में भाग लिया।

आदिवासी विकास पर सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डाला, जो आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना’ की शुरुआत की है, जिसके लिए ₹80,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य आदिवासी बहुल गांवों में धन की कमी के कारण विकास में कोई बाधा न आने देना है।

इसके अतिरिक्त, ‘प्रधानमंत्री जन-मन योजना’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों, जिन्हें राष्ट्रपति के ‘दत्तक पुत्र’ के रूप में जाना जाता है, को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का एक सकारात्मक प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इन सभी प्रयासों से आदिवासी क्षेत्रों में विकास की गंगा बहेगी और ये समुदाय लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।

प्रमुख घोषणाएँ और लोकार्पण

कार्यक्रम के दौरान, श्री साय ने धुरवा समाज के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की। उन्होंने ₹15-15 लाख की लागत से पाँच स्थानों पर डोम (गुंबद) के निर्माण के लिए कुल ₹75 लाख देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा प्रस्तुत ग्राम पंचायतों के विकास संबंधी प्रस्तावों को भी मंजूरी देने का आश्वासन दिया।

उन्होंने बस्तर की आराध्य देवी, माँ दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और समाज के नवनिर्मित भवन “ओलेख” का लोकार्पण किया। उन्होंने इस भवन के लिए समाज को बधाई दी और कहा कि यह भवन उनके सामाजिक सभाओं और विकास कार्यों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।

शहीदों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को स्मरण

मुख्यमंत्री ने धुरवा समाज के वीर नायक, शहीद गुंडाधुर, को नमन किया और नुआखाई समारोह को समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समाज की एक महान परंपरा है कि वे नए अनाज को ग्रहण करने से पहले अपने देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं।

उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, को भी याद किया। उन्होंने बताया कि अटलजी ने जनजातीय कल्याण के लिए भारत सरकार में एक अलग जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अटलजी का जन्म शताब्दी वर्ष ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं के विचार

उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने धुरवा समाज को नुआखाई मिलन समारोह की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि समाज का यह संयुक्त प्रयास नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने जोर दिया कि जब हम अपनी परंपराओं का पालन करते हैं, तो समाज की एकता और संस्कृति मजबूत होती है।

कार्यक्रम को वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप और विधायक श्री किरण देव ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम का आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत में, धुरवा समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री पप्पू नाग ने स्वागत भाषण दिया और समाज की गतिविधियों के बारे में बताया। समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक छतड़ी, धुरवा तुवाल, कोटी, और तीर-धनुष भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया।

इस अवसर पर कई अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और समाज के सदस्य उपस्थित थे, जिनमें विधायक श्री विनायक गोयल, श्री चैतराम आटामी, महापौर श्री संजय पांडेय, और अन्य अधिकारी शामिल थे।

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