छत्तीसगढ़

नक्सलवाद के विरुद्ध बड़ी सफलता : महाराष्ट्र में 20 लाख के इनामी तीन माओवादियों का आत्मसमर्पण

गोंदिया/राजनांदगांव। मध्य भारत में सक्रिय माओवादी विचारधारा और ‘लाल आतंक’ के गढ़ अब ढहने लगे हैं। सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में तीन सक्रिय नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर सामूहिक रूप से 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

मुख्यधारा में लौटे तीन कमांडर

महाराष्ट्र पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले ये तीनों नक्सली ‘एमएमसी’ (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन के महत्वपूर्ण सदस्य माने जा रहे थे। इनके आत्मसमर्पण के विवरण निम्नलिखित हैं:

रोशन उर्फ मारा इरिया वेदजा: यह दरेकसा एरिया कमेटी का कमांडर था और छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का निवासी है। इस पर 8 लाख रुपये का इनाम था।

सुभाष उर्फ पोज्जा बंडू राववा: बीजापुर जिले की उसूर तहसील का रहने वाला सुभाष लंबे समय से संगठन में सक्रिय था। इस पर 6 लाख रुपये का इनाम था।

रतन उर्फ मनकू ओमा पोय्याम: नारायणपुर जिले का निवासी रतन भी एमएमसी जोन में सक्रिय था और इस पर 6 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस अधीक्षक के समक्ष डाले हथियार

गोंदिया के पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे के सामने इन तीनों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति की राह चुनी। अधिकारियों का मानना है कि एमएमसी जोन में इन अंतिम सक्रिय सदस्यों के सरेंडर करने से नक्सली संगठन को इस इलाके में बड़ा नुकसान हुआ है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे संगठन की भेदभावपूर्ण नीतियों और सुरक्षा बलों के निरंतर अभियान से तंग आ चुके थे। अब उन्हें शासन की योजना के तहत पुनर्वास का लाभ दिया जाएगा।

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