ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 20 दिसम्बर 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2080
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी दोपहर 11:14 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:58 तक तत्पश्चात रेवती
योग – व्यतिपात शाम 03:57 तक तत्पश्चात वरियान
राहु काल – दोपहर 12:37 से 01:58 तक
सूर्योदय – 07:15
सूर्यास्त – 05:59
दिशा शूल – उत्तर
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:29 से 06:22 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:11 से 01:04 तक

व्रत पर्व विवरण – बुधवार अष्टमी, व्यतिपात योग
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

बुधवारी अष्टमी : 20 दिसम्बर 2023

पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 11:14 तक ।

बुधवारी अष्टमी को किये गए जप, तप, मौन, दान व ध्यान 10 लाख गुना फलदायी होता है ।

मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं । इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।

(शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)

व्यतिपात योग – 19/20 दिसम्बर 2023

समय अवधि : 19 दिसम्बर शाम 06:38 से 20 दिसम्बर शाम 03:57 तक

व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 1 लाख गुना होता है । – वराह पुराण

श्रीमद्भगवद्गीता जयंती : 22 दिसम्बर 2023

अपनी संस्कृति में श्रीमद भगवदगीता जी और तुलसी जी का बड़ा महत्व है । विश्व मानव इनका अधिक से अधिक लाभ ले इसी हेतु से पूज्य बापूजी ने गीता जयंती व तुलसी पूजन दिवस व्यापक रूप से मनाने की शुरुआत की ।

कैसे मनाएं गीता जयंती ?

१) गीता जयंती निमित्त संकीर्तन यात्रा का आयोजन कर गीता के महत्त्व एवं ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें ।
२) विद्यालयों-महावबिद्यालयों में ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ को पाठ्यक्रम में जोडकर विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु माननीय भारत सरकार के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दें ।
३) गीता-जयंती के पावन अवसर पर स्कूलों के विद्यार्थियों में गीता-श्लोक स्मरण एवं लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करवायी जा सकती हैं ।

४) श्रीमद भगवद गीता को ऊँचे आसन पर स्थापित कर पुष्प, धुप, दीप आदि से पूजन कर आरती करें ।
५) गीता महात्म्य पढ़ने के बाद गीता के अध्याय का पाठ करें ।
६) प्रतिदिन कम-से-कम एक श्लोक पढ़ने का संकल्प अवश्य करें तथा करायें ।
७) गीताजी की आरती करें ।
इस प्रकार श्री गीता जयंती मनायें तथा श्री गीताजी का प्रचार-प्रसार बढ़ाये ।

विद्यालय, मंदिर, सोसाइटीयों तथा सार्वजनिक स्थानों पर भी अवश्य मनाएं और इस अभियान में जुड़े ।

शरीर को हृष्ट-पुष्ट करनेवाला प्रयोग

लाभ : यह प्रयोग शरीर को बलवान, सुडौल व हृष्ट-पुष्ट करता है । इससे रक्त एवं वीर्य की वृद्धि होती है तथा कब्ज दूर होता है, साथ ही यह कांति एवं सौंदर्य को भी बढ़ाता है ।

विधि : रात में १ बादाम, २ खजूर, २ अंजीर पानी में भिगोकर रख दें । सुबह बादाम का छिलका निकाल के पत्थर पर चंदन की तरह घिसें । खजूर की गुठली अलग कर दें तथा अंजीर के टुकड़े कर लें । दूध में २ काली मिर्च डाल के उबाल लें । दूध गुनगुना रहने पर उसमें घिसा हुआ बादाम और १ चम्मच घी मिला लें । खजूर तथा अंजीर का १-१ टुकड़ा खूब चबा-चबाकर खाते हुए ऊपर से १-१ घूँट दूध पीते जायें ।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button