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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में एम्स अस्पताल में ली अपनी आखिरी सांस

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को निधन हो गया है। डॉ. सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में 9 बजाकर 58 मिनट में अपनी आखिरी सांस ली है। बताया जा रहा है कि, उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होने के बाद एम्स में भर्ती कतराया जा चुका था

2004 में बने पीएम

2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को उन्हें भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. उन्होंने 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 2014 तक इस पद पर बने रहे. इससे पहले वह भारत के वित्त मंत्री और वित्त सचिव भी रह चुके हैं. नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. 

AIIMS में मनमोहन सिंह की बेटी मौजूद है, उनकी पत्नी भी पहुंची, कांग्रेस सांसद प्रियंका गाँधी भी AIIMS पहुंची, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी दिल्ली लौट रहें, वहीं राहुल गाँधी बेलगांव से दिल्ली लौट रहे हैं.

पीएम मोदी ने जताया शोक 

 ‘उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी’, पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं उस समय नियमित रूप से बातचीत करते थे जब वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श करते थे. उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.”

दलितों के कल्याण के लिए उठाई आवाज’, जेपी नड्डा ने मनमोहन सिंह को इस तरह किया याद

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री श्री मनमोहन सिंह जी का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है. एक दूरदर्शी राजनेता और भारतीय राजनीति के दिग्गज, सार्वजनिक सेवा में अपने उल्लेखनीय करियर के दौरान, उन्होंने लगातार दलितों के कल्याण के लिए आवाज उठाई. उनके नेतृत्व ने पार्टी लाइनों के पार प्रशंसा और सम्मान अर्जित किया. श्री मनमोहन सिंह जी की विरासत राष्ट्र निर्माण के उनके प्रयासों में पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. ओम शांति.”

मनमोहन सिंह: सियासत और अर्थशास्त्र का ‘पंडित’

डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मेट्रिक की शिक्षा पूरी की. उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की. 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की. इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया. डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर की तीन बेटियां हैं.

भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. मनमोहन सिंह साल 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. 1972 में उनकी नियुक्ति वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में हुई. डॉ. सिंह ने वित्त मंत्रालय के सचिव; योजना आयोग के उपाध्यक्ष; भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष; प्रधानमंत्री के सलाहकार; विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर काम भी किया. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे. ये वक्त देश के आर्थिक ढांचे के लिए काफी अहम था. 

डॉ मनमोहन सिंह को मिल चुके हैं इतने सम्मान

डॉ मनमोहन सिंह को मिले कई पुरस्कारों और सम्मानों सम्मानित किया गया है. इनमें से अहम है भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण(1987); भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड (1993 और 1994); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (1956) का एडम स्मिथ पुरस्कार; कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट पुरस्कार (1955). डॉ. सिंह को जापानी निहोन किजई शिम्बुन एवं अन्य संघो द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. सिंह को कैंब्रिज एवं ऑक्सफ़ोर्ड तथा अन्य कई विश्वविद्यालयों द्वारा मानद उपाधियां प्रदान की गई हैं.

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