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घर में क्यों जरूरी है सत्यनारायण की कथा

न्युज डेस्क (एजेंसी)। सत्यनारायण कथा : सनातन धर्म में भगवान सत्यनारायण को श्रीहरि का ही एक रूप माना गया है। ऐसे में भक्त भगवान की कृपा पाने और अपने जीवन में सुख शांति व समृद्धि के लिए किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ कराते हैं।

माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और देवी देवताओं का आशीर्वाद भी परिवार पर बना रहता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान सत्यनारायण की कथा से जुड़ी विधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

सत्यनारायण कथा की पूजन विधि—

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सत्यनारायण की कथा कराने के दौरान पूरे दिन उपवास रखना होता है। व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें साथ ही साफ सुथरे वस्त्रों को धारण कर भगवान सत्यनारायण की कथा कराएं। कथा करते समय उत्तर दिशा में मुख करके पूजन करना चाहिए। शाम के वक्त पंडित को बुलाकर सत्यनारायण भगवा की कथा का पाठ कराना चाहिए।

पूजा में चरणामृत, पान, तिल, रोली, कुमकुम, फल, पुष्प, सुपारी अर्पित करना चाहिए। माना जाता है कि इस कथा को पूरे परिवार के साथ ही सुनना शुभ होता है। अंत में सत्यनारायण भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद सभी में प्रसाद का वितरण करें। मान्यता है कि अगर सत्यनारायण कथा का पाठ किया जाए तो जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है साथ ही कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता है।

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