छत्तीसगढ़

पशु चिकित्सा विभाग की भर्ती में अनियमितता, हाई कोर्ट के आदेश पर 44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

रायगढ़। रायगढ़ जिले में वर्ष 2012 में हुई पशु चिकित्सा विभाग की भर्ती में गंभीर अनियमितताओं के चलते हाई कोर्ट के आदेश पर 44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जेडी पशु चिकित्सा सेवाएं ने बर्खास्तगी का आदेश जारी करते हुए भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है।

क्या था मामला?

2012 में चतुर्थ श्रेणी (स्वच्छकर्ता/परिचारक सह चौकीदार) पदों के लिए सीधी भर्ती निकाली गई थी। लेकिन भर्ती के मापदंडों और आरक्षण नियमों का खुला उल्लंघन हुआ — दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक, अनुसूचित जाति और महिला आरक्षण को दरकिनार कर दिया गया। साथ ही मेरिट सूची का प्रकाशन नहीं हुआ और निर्धारित पदों से अधिक भर्ती कर ली गई।

हाई कोर्ट का आदेश और जांच रिपोर्ट

भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान बिलासपुर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने रायगढ़ कलेक्टर और जेडी पशु चिकित्सा सेवाएं को भर्ती की पुनः जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

जांच कमेटी की रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को “अमान्य और पक्षपातपूर्ण” बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उचित ढंग से नहीं हुआ और भर्ती में आरक्षण नियमों का घोर उल्लंघन किया गया।

44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

रिपोर्ट के आधार पर जेडी पशु चिकित्सा सेवाएं ने तत्काल प्रभाव से 44 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। विभाग ने स्पष्ट किया है कि आगे इस तरह की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह कार्रवाई राज्य में सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक अहम संदेश मानी जा रही है।

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