टॉप न्यूज़देश-विदेश

सेना को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर, एक जवान घायल

जम्मू (एजेंसी)। जम्मू -कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को संयुक्त सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, इस अभियान के दौरान एक जवान घायल हो गया। जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादियों के खिलाफ 11 राष्ट्रीय राइफल्स, 7 असम राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) सहित संयुक्त बलों ने किश्तवाड़ जिले के सिंघपोरा, चटरू इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। आतंकियों की संख्या चार बताई गई थी। दो आतंकियों की मौत के बाद दो आतंकियों की तलाश की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया, मुठभेड़ सुबह शुरू हुई और अभी भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि तीन से चार आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी की विशेष सूचना मिलने के बाद संयुक्त सुरक्षा बलों ने किश्तवाड़ जिले के सिंघपोरा, चटरू इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया।

अधिकारियों ने बताया था कि आतंकवादियों से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे सुरक्षा बलों की पहुंच से भागने में सफल न हों, घेराबंदी कड़ी कर दी गई थी। लेकिन, जैसे ही संयुक्त बल करीब पहुंचे, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके बाद आतंकियों और सुरक्षा बलों में मुठभेड़ शुरू हो गई, जो अभी जारी है। जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन से चार आतंकवादियों के छिपे होने की खबर है।

ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन त्राशी’ नाम देते हुए भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, आज सुबह चटरू, किश्तवाड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों से सामना हुआ। अतिरिक्त जवानों को शामिल किया गया है और आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए ऑपरेशन जारी है।

संयुक्त बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स और समर्थकों के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू कर दिया है। ये अभियान 22 अप्रैल के बाद और तेज हो गए, जब लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।

पाकिस्तान ने जवाब में जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर नागरिकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की थी। पाकिस्तानी गोलाबारी में कुल 200 घर और दुकानें नष्ट हो गईं, जबकि सैकड़ों सीमावर्ती निवासियों को अपने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सीमावर्ती निवासी अभी तक पूरी तरह से अपने घरों को नहीं लौटे हैं, क्योंकि सुरक्षा बल अभी भी पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी को निष्क्रिय करने में जुटे हैं।

भारत ने 12 जून को दोनों देशों के डीजीएमओ द्वारा तय किए गए युद्धविराम समझौते पर सहमति व्यक्त की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि इस समझौते का सम्मान तभी तक किया जाएगा जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से भारत के खिलाफ किसी भी आतंकवादी गतिविधि की अनुमति नहीं देता।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button