ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने यूएन में भी पाकिस्तान को फिर से धोया

वाशिंगटन (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए एक प्रभावशाली भाषण दिया।
संबोधन का आरंभ और प्रमुख संदेश
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने UNGA संबोधन की शुरुआत ‘भारत की जनता का नमस्कार’ के साथ करते हुए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाया। उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और नेतृत्व को दो महत्वपूर्ण संदर्भों में रेखांकित किया:
‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत’ अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति जागरूक है।
‘भारत में पिछले दशक में प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता के कारण परिवर्तनकारी बदलाव भी आए हैं,’ जिससे देश में व्यापक प्रगति हुई है।
पोशाक में भारतीयता की झलक
एस. जयशंकर ने औपचारिक काले अस्तर वाला बंदगला पहना था, जिसकी जेब पर एक केसरिया रंग का रूमाल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। यह उनकी वेशभूषा में एक विशिष्ट भारतीय स्पर्श था।
भारत के विदेश नीति के मूल मंत्र
अपने वैश्विक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत तीन प्रमुख सिद्धांतों से निर्देशित होता है: आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास।
बिना नाम लिए पड़ोसी पर निशाना
संबोधन में जो बातें स्पष्ट रूप से नहीं कही गईं, वे भी काफी मायने रखती थीं। जयशंकर ने किसी भी देश का नाम लिए बिना ही ‘एक ऐसे पड़ोसी जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है’ का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान पर तीखा वार किया।
पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष स्वीकारोक्ति
इसके बाद, UNGA में जवाब देने के अधिकार (Right of Reply) का उपयोग करते हुए भारत ने इस पड़ोसी देश को घेर लिया। भारत के द्वितीय सचिव रेन्ताला श्रीनिवास ने टिप्पणी की कि यह चौंकाने वाला है कि एक पड़ोसी, जिसका नाम नहीं लिया गया था, उसने जवाब देने का निर्णय लिया और अप्रत्यक्ष रूप से ‘आतंकवाद के केंद्र’ होने की अपनी लंबे समय से चली आ रही सीमा पार आतंकवाद की गतिविधियों को स्वीकार कर लिया।
















