शेख हसीना के बेटे वाजेब ने मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया, बोले-मां बांग्लादेश न छोड़तीं तो…

वर्जीनिया (एजेंसी)। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। इस बीच, शेख हसीना फिलहाल भारत में सुरक्षित हैं। भारत द्वारा अपनी मां को सुरक्षा दिए जाने पर, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने बुधवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की प्रशंसा की और आभार व्यक्त किया।
अमेरिका के वर्जीनिया में रह रहे सजीब वाजेद ने कहा, “भारत हमेशा से हमारा एक अच्छा मित्र रहा है। संकट के समय भारत ने मेरी मां की जान बचाई है। यदि वह बांग्लादेश नहीं छोड़तीं, तो उग्रवादियों ने उनकी हत्या करने की योजना बना ली होती। इसलिए, मैं अपनी मां का जीवन बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का हमेशा आभारी रहूंगा।”
बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया पर सजीब वाजेद ने उठाए सवाल
शेख हसीना के प्रत्यर्पण के संबंध में सजीब वाजेद ने बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “प्रत्यर्पण के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। बांग्लादेश में जो सरकार है वह एक अनिर्वाचित, असंवैधानिक और अवैध सरकार है।”
सजीब ने आरोप लगाया कि उनकी मां को दोषी ठहराने और मुकदमे की सुनवाई को तेज करने के लिए कानूनों में अवैध रूप से संशोधन किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि शेख हसीना को अपने बचाव पक्ष के वकील नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी गई थी। सजीब के अनुसार, “ट्रायल से पहले ही अदालत के 17 जजों को बर्खास्त कर दिया गया और नए जज नियुक्त किए गए। उनमें से कुछ के पास बेंच पर काम करने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था और वे राजनीतिक रूप से जुड़े हुए थे। इसलिए, वहां कोई उचित प्रक्रिया नहीं थी। प्रत्यर्पण के लिए उचित प्रक्रिया का होना बहुत जरूरी है।”
अमेरिका से दबाव के सवाल पर सजीब का जवाब
अमेरिकी सरकार की ओर से किसी भी तरह का दबाव बनाए जाने के सवाल पर शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने स्पष्ट किया, “नहीं, हमें किसी भी तरह की कोई धमकी नहीं मिली है।”
उन्होंने आगे कहा, “बस एक छोटी-सी समस्या यह थी कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश था, जिसने हमारे 2024 के चुनावों पर नकारात्मक बयान जारी किया था। इसके अलावा, सभी ने चुनावों को शांतिपूर्ण माना था। इसलिए कोई सीधा दबाव नहीं था। अब, अमेरिका में एक बिल्कुल नई सरकार है। स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। हमने उनके दृष्टिकोण में एक बहुत ही स्पष्ट बदलाव देखा है।”
सजीब ने बताया, “राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुद इस साल की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि पिछले प्रशासन ने यूएसएआईडी के माध्यम से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पर लाखों डॉलर खर्च किए थे। वह पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र कर रहे थे। अमेरिका का रुख निश्चित रूप से बदल गया है, और वे बांग्लादेश में आतंकवाद के खतरे और इस्लामवाद के उदय को लेकर पिछले प्रशासन की तुलना में कहीं ज्यादा चिंतित हैं।”
यूनुस की अंतरिम सरकार के पास बिल्कुल समर्थन नहीं’
सजीब वाजेद ने बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने तर्क दिया, “अगर मोहम्मद यूनुस लोकप्रिय होते, तो वे चुनाव क्यों नहीं कराते और फिर देश को वैधता से क्यों नहीं चलाते? वे डेढ़ साल से बिना चुनाव कराए सत्ता में बने हुए हैं। असल में उनके पास जनसमर्थन बिल्कुल भी नहीं है।”
उन्होंने बताया, “छात्रों की तरफ से गठित राजनीतिक दल- एनसीपी (नेशनल सिटिजन पार्टी), बांग्लादेश में हुए सभी चुनावों में केवल 2% वोट हासिल करती रही है। उनकी लोकप्रियता कभी भी 2% से ऊपर नहीं गई। यूनुस और छात्रों की पार्टी की लोकप्रियता लगभग न के बराबर है। इसलिए वे बिना चुनाव के सत्ता में बने हुए हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर, सजीब वाजेद ने कहा, “हमारी सरकार की नीति सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने की रही है। हमने चीन, भारत और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखे। यूनुस सरकार चीन के और करीब आने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चीन की कई राजकीय यात्राएं की हैं।” उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “यहां तक कि हमारी विपक्षी पार्टी, बीएनपी, भी चीन से सीधे संपर्क साध रही है। हमारे लिए, बेल्ट एंड रोड पहल केवल परिवहन को सुगम बनाने के लिए एक आर्थिक पहल थी।”
















