केंद्रीय मंत्री किरेन किरेन रीजीजू ने पृथ्वी विज्ञान में एनसीपीओआर के योगदान की सराहना की और हिमालयी क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री अंटार्कटिका में भारती स्टेशन पर तैनात वैज्ञानिकों के साथ वर्चुअल रूप से जुड़े
राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरेन रीजीजू इसकी अपार क्षमता, कार्यों और प्रासंगिकता की सराहना की। उन्होंने भारतीयों की बढ़ती आकांक्षाओं और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख पर भी बातचीत की।
वैज्ञानिक प्रगति में एनसीपीओआर के योगदान को स्वीकार करते हुए श्री रीजीजू ने वर्तमान में अंटार्कटिका में तैनात सफल अभियान दल की सराहना की और उनकी वापसी पर उनके साथ बातचीत करने का उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ाने और विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि इसमें अपार संभावनाएं हैं और इसमें अन्वेषण किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने विज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति और चुनौतियों से निपटने के लिए तर्कसंगत दृष्टिकोण की आवश्यकता में भी विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय को आश्वासन दिया कि उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधन, नीतियां और समर्थन प्रदान किया जाएगा। उन्होंने शोधकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों के प्रति जागरूक रहने के महत्व पर बल दिया और वैज्ञानिक प्रयासों की सराहना तथा सार्वजनिक रूप से जुड़ने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. थंबन मेलोथ ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री की यात्रा के लिए आभार व्यक्त किया। निदेशक ने बलपूर्वक कहा कि ध्रुवीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सार्वजनिक संस्थानों, एजेंसियों और विभागों के बीच समन्वय में असाधारण कौशल की आवश्यकता होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनसीपीओआर महत्वपूर्ण प्रगति करेगा और मंत्री महोदय के नेतृत्व में ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान में भारत की प्रतिष्ठा को बढाएगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू की यात्रा में अंटार्कटिक क्षेत्र का एक वर्चुअल रियलिटी शो और आइस कोर लैब और परिष्कृत इंस्ट्रूमेंटेशन सुविधा का दौरा भी शामिल था। इन क्षेत्रों में वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली उन्नत अनुसंधान अवसंरचना और तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया।
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