ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग 

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 09 सितम्बर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – दशमी रात्रि 07:17 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – आर्द्रा दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – व्यतिपात रात्रि 10:36 तक तत्पश्चात वरियान
राहु काल – सुबह 09:31 से दोपहर 11:04 तक
सूर्योदय – 06:24
सूर्यास्त – 06:50
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:38 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:14 से 01:01 तक

व्रत पर्व विवरण – व्यतिपात योग
विशेष – दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

व्यतिपात योग

समय अवधि : 08 सितम्बर रात्रि 10:07 से 09 सितम्बर रात्रि 10:36 तक

व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । – वराह पुराण

रविपुष्यामृत योग – 10 सितम्बर 2023

(शाम 05:06 से 11 सितम्बर सूर्योदय तक)

कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में

बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें ।

अजा एकादशी : 10 सितम्बर 2023

एकादशी तिथि 09 सितम्बर रात्रि 07:17 बजे से 10 सितम्बर रात्रि 09:28 बजे तक ।

व्रत उपवास 10 सितम्बर रविवार को रखा जायेगा ।

एकादशी व्रत के लाभ

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।

जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)

आर्थिक कष्ट निवारण हेतु

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button