छत्तीसगढ़

हथियार त्यागकर संविधान स्वीकारने वालों का अभिनंदन : विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री का वक्तव्य: बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को न केवल राज्य, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक अभूतपूर्व घटना करार दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वे युवा जो कभी माओवाद की भ्रामक विचारधारा के जाल में फँस गए थे, उन्होंने अब संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन सिर्फ बस्तर के लिए नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन नौजवानों ने वर्षों तक अंधकारमय रास्तों पर भटकते हुए हिंसा का मार्ग चुना था, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूकें हटाकर संविधान को अपनाया है। यह क्षण केवल समर्पण का नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और एक नई ज़िंदगी की शुरुआत का प्रतीक है।

विश्वास और परिवर्तन की कहानी

मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि बस्तर में बंदूकें त्यागकर सुशासन पर भरोसा जताने वाले इन युवाओं से उनकी मुलाकात उनके जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोषप्रद अनुभवों में से एक रही। उन्होंने इस दृश्य को इस बात का प्रमाण बताया कि वास्तविक परिवर्तन नीतियों और विश्वास के माध्यम से आता है।

उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य सरकार की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी पहलें विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं योजनाओं के प्रभाव से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोग हथियार छोड़कर शासन के विश्वास और विकास के वादे को स्वीकार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि आज का यह नज़ारा प्रमाणित करता है कि परिवर्तन नीतियों और आपसी भरोसे से आता है। यह छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य की आधारशिला है। उनकी सरकार आत्मसमर्पण करने वालों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने यह प्रण लिया है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह संकल्प पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के एक नए युग की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।

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