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बल्क डीजल पर वैट में 6 रुपये की छूट, अधिसूचना जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के राजस्व को बढ़ावा देने और बाहरी राज्यों से डीजल की आवक रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बल्क डीजल खरीदी पर 6 रुपये की छूट देने से हो रहे वार्षिक 350 करोड़ रुपये के नुकसान को देखते हुए, राज्य सरकार ने माल और सेवा कर अधिनियम (GST) में संशोधन किया है। इससे स्थानीय कारोबारियों को राहत मिलने के साथ ही राजस्व में भी इजाफा होगा।

विधानसभा में विधेयक पारित, अधिसूचना जारी

विधानसभा में संशोधित विधेयक पारित होने के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। अब हाई स्पीड डीजल पर 23% वैट और 1 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जबकि पेट्रोल पर 24% वैट और 2 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त देना होगा। जानकारी के मुताबिक, सरगुजा संभाग में खनन और निर्माण क्षेत्र के बड़े कारोबारी उत्तर प्रदेश और गुजरात से डीजल मंगवा रहे थे। इन राज्यों में क्रमशः 17% और 14% वैट होने से प्रति लीटर 6 रुपये का लाभ हो रहा था।

बाहर से डीजल लाने पर लगेगी रोक

जीएसटी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष डेढ़ लाख किलोलीटर डीजल अन्य राज्यों से आयात किया गया। इससे छत्तीसगढ़ सरकार को वैट राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ। अब नए प्रावधान के तहत, राज्य में भी बल्क डीजल खरीदने पर 17% वैट देना अनिवार्य होगा।

12 किलोलीटर की न्यूनतम खरीदी अनिवार्य

सरकार ने नियम बनाया है कि कारोबारियों को छूट पाने के लिए कम से कम 12 किलोलीटर डीजल खरीदना होगा और यह खरीदी केवल छत्तीसगढ़ के भीतर से ही होनी चाहिए। यह डीजल केवल सरकारी तेल कंपनियों, नयारा एनर्जी लिमिटेड, और रिलायंस इंडस्ट्रीज के पंपों से खरीदा जा सकेगा। इसके लिए संबंधित वाणिज्यिक कर अधिकारी से स्वीकृति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा।

राजस्व बढ़ाने का उद्देश्य

सरकार का यह कदम बड़े कारोबारियों और निर्माण क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा। इसके साथ ही, अन्य राज्यों से डीजल आयात पर लगाम लगाकर राज्य के राजस्व में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। नई अधिसूचना 30 तारीख से प्रभावी हो गई है।

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