2026 तक नक्सलवाद को करेंगे खत्म : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह बात दोहराई है कि राज्य सरकार की नई समर्पण और पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने दंतेवाड़ा समेत पूरे बस्तर क्षेत्र में लोगों के बीच एक नया भरोसा पैदा किया है। उनका कहना है कि जो लोग माओवादी हिंसा के खोखले नारों से भ्रमित हो गए थे, वे अब शांति और विकास के रास्ते को चुन रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर संभाग में चलाए जा रहे पूना मारगेम अभियान और दंतेवाड़ा जिले के लोन वर्राटू अभियान के असर से हाल ही में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 30 नक्सलियों पर 50 हजार रुपये से लेकर 8 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था, जिसका कुल योग 64 लाख रुपये था। उन्होंने इसे हमारी नीतियों की सफलता और जनता के बढ़ते विश्वास का स्पष्ट प्रमाण बताया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को एक बेहतर जीवन की नई शुरुआत के लिए 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक दिए गए हैं। साथ ही, उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी आवश्यक सुविधाएँ भी प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएँ और भरोसेमंद माहौल बनने के कारण अब तक 1770 से अधिक माओवादी मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देगी और आत्मसमर्पण करने वाले साथियों को सम्मानजनक पुनर्वास और एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अंत में कहा कि बस्तर अब बदल रहा है और नक्सलवाद का अंधेरा खत्म हो रहा है। यह बदलाव बस्तर के उज्जवल भविष्य और शांति की ओर बढ़ते मजबूत कदमों का स्पष्ट संकेत है।
















