छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा है फसल का उचित दाम : प्रियंका गांधी

रायपुर। उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाने के कारण लोग आज खेती करना नहीं चाह रहे, लेकिन छत्तीसगढ़ देश का ऐसा प्रदेश है जहां लोग खेती की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों को फसल का उचित दाम मिलना इसकी बड़ी वजह है। यह बात प्रियंका गांधी ने कांकेर में आयोजित नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन में अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में गौर मुकुट से श्रीमती गांधी का स्वागत किए जाने पर वह अभिभूत हुई और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की बस्तर से जुड़ी स्मृतियों को भी साझा किया।

उन्होंने कहा कि मेरी दादी हमेशा कहती थी कि आदिवासी संस्कृति सबसे अच्छी है क्योंकि इसमें प्रकृति के प्रति गहरा आदर है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य पावर कम्पनी के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की सुविधा प्रदान करने, पुलिस उप निरीक्षकों के पदों पर पदोन्नति का अनुपात अब 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने और हल्बी, गोंडी, सरगुजिहा, भतरी जैसे स्थानीय बोलियों में पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करने और कृषि महाविद्यालय पखांजूर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम पर किए जाने की घोषणा की। साथ ही जिलेवासियों को 866 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण-भूमिपूजन कर बड़ी सौगात दी।

866 करोड़ के विकास कार्याे का भूमिपूजन-लोकार्पण

इस दौरान 321 करोड़ 71 लाख रूपए की लागत से बनने वाले कांकेर मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पुरखती कागजात और तानाबाना पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टी.एस सिंहदेव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति मंत्री मोहन मरकाम, सांसद दीपक बैज, राज्य सभा सासंद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव, श्रीमती सावित्री मण्डावी, अनूप नाग, कुंवर सिंह निषाद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि एक समय था जब जनप्रतिनिधियों की संख्या कम थी। इससे निर्णय एक जगह केंद्रित हो जाते थे। कई ऐसे कार्य होते थे, जिन्हें पूर्ण करने में बहुत समय लगता था। जब पंचायती राज की बात हुई तो मंशा ये थी कि लोकतंत्र को जनजन तक पहुंचना चाहिए, गांव का कार्य गांव में ही होना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इस देश की जितनी व्यवस्था है उसकी नींव पंचायतों में हैं, नगरीय निकायों में हैं। आप सभी इन जिम्मेदारियों को बहुत निष्ठा से निभाते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भरोसे की सरकार है। आज अगर सरकार पर आपका भरोसा है तो वो इसलिए है कि हम छत्तीसगढ़ की परंपरा को बढ़ा रहे हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आपके पास आये, आपकी समस्याओं को समझा। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी 1972 में बस्तर में आई थीं। आपने फोटो देखी होगी जब वे आदिवासी महिलाओं के साथ नृत्य कर रही थीं। मेरे पिता स्वर्गीय राजीव गांधी भी आपके पास आये। हमारे सभी जनप्रतिनिधियों ने यह प्रयास किया कि आपकी समस्याओं को समझे, इसीलिए यह भरोसा बना है।

उन्होंने ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां आई थीं, तब स्वामी आत्मानंद से उन्होंने कहा था कि यहां के बच्चों को शिक्षा देने का काम करना है। मुख्यमंत्री बघेल ने यहां जगह-जगह पर स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले हैं। जिससे अंग्रेजी में पढ़ाई आसान हुई है और गरीब बच्चों का भविष्य संवर रहा है। उन्होंने कहा कि आज बस्तर ब्रांड बन गया है।

मिलेट मिशन के बारे में बात करते हुए कहा कि मिलेट सेहत के लिए बड़े उपयोगी होते हैं। कोदो-कुटकी, रागी से लोगों की आय बढ़ाने का काम किया गया है, जिससे आदिवासियों की आय बढ़ी है। लोगों को रोजगार मिल रहा है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देश छत्तीसगढ़ की ओर देख रहा है। आपका मान सम्मान देश दुनिया में बढ़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां का किसान खुश हैं। ग्रामीण खुश हैं। देश भर में धान खरीदी का सबसे ज्यादा दाम यहां मिलता है। हमने आपकी संपत्ति आपके हाथों में डाली है। आपका अधिकार आपको सौंपा है। पांच साल में यहां के 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। देश के अन्य राज्यों में आवारा पशुओं की समस्या है। यहां छत्तीसगढ़ में गौठान योजना से आपकी समस्याएं हल हुई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं प्रदेश में संचालित की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों का मानदेय बढ़ाया गया है। लड़कियों को बेहतर शिक्षा मिल रही है। आज बस्तर अंचल की इन बेटियों ने अंग्रेजी में मुझसे बात की, यह सुखद है।

मुख्यमंत्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने 73 वें और 74 वें संशोधन के माध्यम से पंचायती राज की व्यवस्था लाई और इसके साथ ही एक तिहाई महिलाओं को आरक्षण देने का भी काम हुआ। बघेल ने कहा कि जब से पंचायती राज लागू हुआ है महिला प्रतिनिधि मंच पर बैठी है, पंचायत भी संचालित कर रही हैं और महापौर भी बनी हैं। छत्तीसगढ़ में महिलाओं के जीवन में समृद्धि लाने, सम्मान दिलाने और उन्हें आगे बढ़ाने का काम हमने किया है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची अभी प्रकाशित हुई है, इसमें 57 विधानसभाओं में ज्यादा महिला मतदाताएं हैं। छत्तीसगढ़ में बेटे-बेटियों में कोई भेदभाव नहीं होता। हम लोग लगातार पंचायती राज्य को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं। पेसा कानून को हमने लागू किया है। हमारी सरकार ने लोहांडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस की है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तेजी से आदिवासियों के विकास के लिए कार्य हो रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाई गई है। 67 लघु वनोपज हम खरीद रहे हैं। दो लाख महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। 300 इंडस्ट्रियल पार्क शुरू किए गए हैं। हम महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। हमने मिलेट मिशन आरंभ किया है। नथियानवांगांव में 22 प्रकार की खाद्य सामग्री बन रही है। हम लोगों को उत्पाद का सही मूल्य दिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमशेद जी टाटा जब छत्तीसगढ़ में खदान के लिए आए, तब आदिवासियों ने कहा कि हम सरकार को इसे दे देंगे, निजी हाथों में नहीं देंगे। फिर पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने यहां के लोहे से भिलाई स्टील प्लांट की शुरूआत की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम देश की संपदा है। इनका निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने आरंभ किया। हम निरंतर आम जनता की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं।

नगरीय निकाय व पंचायती राज महासम्मेलन में मुख्यमंत्री बघेल की घोषणाएं :

-राज्य पावर कम्पनियों में एक अप्रैल 2004 और इसके उपरांत नियुक्त लगभग 10 हजार कर्मियों के लिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन की सुविधा।
-पुलिस उप निरीक्षकों के पदों पर पदोन्नति अब 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की घोषणा।
-कृषि महाविद्यालय पखांजूर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम पर किए जाने की घोषणा।
-हल्बी, गोंडी, सरगुजिहा, भतरी जैसे स्थानीय बोलियों में पढ़ाई के साथ-साथ अब इन भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा।
-चारामा विकासखण्ड टंहकापार में महानदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण।
-कांकेर नरहरपुर मार्ग का चौड़ीकरण का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
-आदिवासी पुस्तकालय की स्थापना।
-अंतागढ़ से घोड़ागांव, अंजारी मार्ग पर पुल निर्माण।

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