छत्तीसगढ़

जन्मजात योद्धा थे विश्वनाथ पसायत : राज्यपाल हरिचंदन

रायपुर। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन मंगलवार को ओडिशा के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्वनाथ पसायत की 111वीं जयंती समारोह में वर्चुअली शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पसायत जन्मजात योद्धा और सच्चे नेतृत्वकर्ता थे। समाज के लोगो के लिए किया गया उनका योगदान कभी भुलाया नही जा सकता।

स्वतंत्रता संग्राम सेेनानी पसायत के 111वीं जयंती के अवसर पर विश्वनाथ पसायत और स्मारक समिति द्वारा के.एम. पब्लिक स्कूल भिवानी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल हरिचंदन बतौर मुख्य अतिथि वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने पसायत की जीवनी और देश की आजादी के लिए उनके योगदान पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि विश्वनाथ अपने छात्र जीवन से ही गरीबों, वंचितों और समाज के आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर लोगो के हितो के लिए संघर्ष करते रहे। वे शुरू से ही ब्रिटिश सरकार को चुनौती देने वाले छात्र नेता थे। उन्होंने एक वकील के रूप में भी एक अलग पहचान बनाई । वे बड़ी संख्या में ऐसे मामलों में पेश हुए जहां स्वतंत्रता सेनानियों, पत्रकारों और गरीब लोगो को ब्रिटिश शासको व विभिन्न राज्यों के शासकों द्वारा फंसाया गया था। विश्वनाथ यूएसएसआर और अन्य देशों का दौरा करने वाले वकीलों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे।  अपनी वापसी के बाद ‘‘रूस भ्रमण‘‘ नामक पुस्तक लिखी जो यात्रा अनुभवों पर पहली पुस्तकों में से एक थी। उन्होंने अपनी मृत्यु तक ‘‘आधुनिक‘‘ पत्रिका का सम्पादन भी किया। उनका निधन 52 वर्ष की अल्पायु में 27 दिसम्बर 1964 को हो गया था।

इस कार्यक्रम में विश्वनाथ पसायत शताब्दी और स्मारक समिति के सदस्य, स्कूल के शिक्षक और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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